नार्वे आयरलैंड और स्पेन के फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने के फैसले पर इजरायल भड़क गया है। इन घोषणाओं पर नाराजगी जताते हुए इजरायल ने तीनों देशों से अपने राजदूतों को तत्काल वापस बुला लिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का कई यूरोपीय देशों का इरादा आतंकवाद के लिए इनाम देने जैसा है।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘यहूदिया और सामरिया (वेस्ट बैंक) में 80 प्रतिशत फिलिस्तीनी 7 अक्टूबर के भयानक नरसंहार का समर्थन करते हैं। इन दुष्टों को कोई राज्य नहीं दिया जा सकता।’
नेतन्याहू ने कहा आतंकवादी राज्य
इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह एक आतंकवादी राज्य होगा। यह 7 अक्टूबर के नरसंहार को बार-बार दोहराने की कोशिश करेगा, मगर हम इसके लिए सहमत नहीं होंगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आतंकवाद को इनाम देने से शांति नहीं आएगी और न ही यह हमें हमास को हराने से रोकेगा।’ इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष के दो राज्य समाधान में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की परिकल्पना की गई है जो इजरायल के साथ शांतिपूर्वक रह सके। नेतन्याहू दो राज्य समाधान का विरोध करते रहे हैं।
तीनों देशों ने क्या कहा?
बुधवार को फिलिस्तीन को अलग-थलग करने की कोशिशों को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब नार्वे के प्रधानमंत्री जोनस गार ने बताया कि 28 मई को उनका देश फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने जा रहा है। गार ने कहा, ‘जब तक फिलिस्तीन राज्य को मान्यता नहीं होती है, मध्य पूर्व में शांति नहीं हो सकती।’ इसके बाद ऐसी ही घोषणा स्पेन और आयरलैंड के नेताओं की तरफ से भी की गई। स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने संसद में इसकी जानकारी देते हुए कहा, फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता शांति, न्याय और सामंजस्य के लिए एक फैसला है। उन्होंने स्पेन के साथ अन्य यूरोपीय देशों को भी ऐसा करने की अपील की।
आयरलैंड के नेता सिमोन हैरिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नार्वे और स्पेन के फैसले के साथ जुड़ने की जानकारी दी। हैरिस ने मान्यता देने के फैसले को ‘आयरलैंड और फिलिस्तीन के एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन’ बताया। आयरिश प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मान्यता स्वतंत्रता और न्याय में विश्वास से आती है और शांति केवल स्वतंत्र लोगों की स्वतंत्र इच्छा से ही सुरक्षित हो सकती है।
अमेरिका ने फैसले का किया विरोध
अमेरिका ने आयरलैंड, नार्वे और स्पेन के फैसले को यह कहते हुए खारिज किया कि दो राज्य समाधान की किसी भी योजना को बातचीत के माध्यम से ही आना चाहिए। इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने घोषणाओं पर नाराजगी जताते हुए तीनों देशों से राजदूतों को वापस बुलाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं एक स्पष्ट संदेश भेज रहा हूं। इजरायल इसे चुपचाप नहीं जाने देगा।’