विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने देश के अलग-अलग राज्यों में गणेशोत्सव के दौरान किए गए हमले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि देशभर में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक स्थानों पर श्री गणेश उत्सवों के आयोजनों पर हुए जिहादी हमलों से विहिप आहत है। ये हमले घोर निंदनीय और असहनीय हैं।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि गणपति विसर्जन के 18 से अधिक पवित्र कार्यक्रमों पर जिहादियों द्वारा हमले किए गए। कई जगह भगवान गणपति जी की प्रतिमा को खंडित करने का दुस्साहस भी किया गया। इससे पहले रामनवमी, महावीर जयंती तथा अन्य हिंदू त्योहारों की शोभा यात्राओं पर भी हमले किए गए। हिंदू समाज पर ये हमले केवल हिंदू त्योहारों पर ही नहीं अपितु, मुहर्रम, ईद ए मिलाद व बारावफात जैसे मुस्लिम कार्यक्रमों के दौरान भी होते हैं। ये हमले घोर निंदनीय और असहनीय हैं। अब बहुत हो चुका है। अब इन्हें ‘काफिरोफोबिया’ से बाहर निकलना चाहिए। इन्हें हिंदुओं के सब्र की और परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
विहिप नेता ने कहा कि जिहादी कहते हैं कि तथाकथित मुस्लिम मोहल्ला और मस्जिदों के सामने की सड़कों से हिंदू शोभायात्रा नहीं निकालनी चाहिए। उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय का हवाला देते हुए कहा कि एक मामले में इन्होंने कहा था कि कुछ लोग सांप्रदायिक हो सकते हैं, देश की सड़क धर्मनिरपेक्ष है, जिसका सभी उपयोग करेंगे। अगर इसी तरह बाकी लोग भी सोचने लगे तो आप, जहां वे बहुमत में है, वहां अपने कार्यक्रम कैसे कर सकेंगे ? ओवैसी, मदनी और तौकीर जैसे सभी मुस्लिम नेताओं को हाई कोर्ट की यह चेतावनी समझनी चाहिए। अपने समाज को भड़काना बंद करना चाहिए और हिंदुओं को इस रास्ते पर चलने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में फैलाई गई नफरत का ही परिणाम है कि जिहादियों की मानसिक विकृति के रोज नए-नए प्रकार देखने को मिल रहे हैं। लगभग 10 जगह अवरोध खड़े करके ट्रेनों को पलटने या दुर्घटना ग्रस्त करने के षड्यंत्र सामने आ चुके हैं। कहीं जूस में पेशाब मिलाया जा रहा है तो कहीं रोटी सब्जी में थूका जा रहा है। कहीं वक्फ के नाम पर लैंड जिहाद हो रहा है। कहीं लव जिहाद के नाम पर हिंदू कन्याओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है। वोट जिहाद, जनसंख्या जिहाद, अवैध धर्मांतरण, घुसपैठ जिहाद और ना जाने कितने प्रकार के जिहाद इजाद किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विहिप सभी मुस्लिम नेताओं को सलाह देती है कि वे अपने समाज को भड़काना बंद करें। पहले सीएए के नाम पर भड़काया था, जिसका मुस्लिम समाज से कुछ लेना-देना नहीं था। अब वक्फ के नाम पर भड़का रहे हैं, जबकि पूरी दुनिया जानती है कि वक्फ बोर्ड के नाम पर कुछ बड़े मुस्लिम नेताओं ने आम मुस्लिम समाज को सबसे अधिक लूटा है। यह विकास का नहीं, विनाश का मार्ग है। मुस्लिम समाज से अपील है कि वे अपने भविष्य की चिंता स्वयं करें। गजनी, तैमूर, नादिर शाह, बाबर जैसे आक्रमणकारियों के वर्तमान अवतारों को छोड़ें और देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तियों के विकासवादी नेतृत्व को स्वीकार करें।
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