गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं। इन्हीं बदलावों में से एक आम लेकिन तकलीफदेह समस्या है पैरों में दर्द। यह दर्द खासकर तीसरी तिमाही में अधिक महसूस होता है, जब शरीर का वजन बढ़ता है और रक्त संचार में बदलाव आता है। अच्छी बात यह है कि कुछ घरेलू उपायों से इस दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
1. गुनगुने पानी में पैर डुबोना
गर्म पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर उसमें 15-20 मिनट तक पैर डुबोएं। यह उपाय मांसपेशियों को आराम देता है, सूजन कम करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
2. हल्का व्यायाम और स्ट्रेचिंग
हल्की वॉक या पैरों की स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों में खिंचाव दूर होता है। नियमित हल्का व्यायाम करने से शरीर में रक्त प्रवाह सुधरता है और दर्द में राहत मिलती है। योग विशेषज्ञ की सलाह से गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित योगासन भी किए जा सकते हैं।
3. पैरों को ऊपर उठाकर आराम करना
दिन में कुछ समय के लिए पैरों को तकिए या ऊँचाई पर रखकर आराम करें। इससे पैरों में जमा हुआ तरल पदार्थ नीचे की ओर नहीं खिंचता और सूजन कम होती है। यह तरीका थकान को भी दूर करता है।
4. हल्के गर्म तेल से मालिश
तिल या नारियल के गर्म तेल से हल्की मालिश करने से पैरों को राहत मिलती है। मालिश रक्त संचार को बेहतर बनाती है और मांसपेशियों की जकड़न को कम करती है। ध्यान रहे कि मालिश हल्के हाथों से करें और किसी प्रशिक्षित व्यक्ति की मदद लें।
5. मैग्नीशियम युक्त आहार
मैग्नीशियम की कमी से भी मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द हो सकता है। हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, केला, बादाम, साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें। डॉक्टर की सलाह से सप्लिमेंट भी लिए जा सकते हैं।
अगर पैरों में दर्द के साथ अत्यधिक सूजन, लालिमा, या गर्माहट महसूस हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कभी-कभी यह किसी गंभीर स्थिति जैसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) का संकेत भी हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान पैरों में दर्द आम समस्या है, लेकिन कुछ आसान घरेलू उपाय अपनाकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। शरीर की बात सुनना और उसे आराम देना इस समय सबसे जरूरी है।