यूरिक एसिड बढ़ गया है? हरसिंगार के फूलों से पाएं राहत

इन दिनों हरसिंगार के फूलों से पेड़ लदे रहते हैं। यह न सिर्फ सुंदर दिखते हैं बल्कि आयुर्वेद में इनका बहुत ही खास महत्व है। खासकर हाई यूरिक एसिड (High Uric Acid) की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए हरसिंगार एक प्राकृतिक औषधि बन सकता है।

हरसिंगार यानी पारिजात के फूल, जो अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और लैक्सेटिव (रेचक) गुणों के लिए जाने जाते हैं, यूरिक एसिड कम करने में कारगर हो सकते हैं।

✅ हाई यूरिक एसिड में हरसिंगार के फूलों के फायदे:
1. प्यूरिन मेटाबॉलिज्म को तेज करता है
यूरिक एसिड के बढ़ने की मुख्य वजह शरीर में प्यूरिन का अधिक मात्रा में जमाव है। हरसिंगार के फूल इस प्यूरिन को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं।

इसमें मौजूद रेचक गुण हड्डियों के बीच जम चुके यूरिक एसिड को बाहर निकालने में सहायक हैं।

यह प्यूरिन को तेजी से मेटाबोलाइज कर यूरिक एसिड के स्तर को संतुलित करता है।

2. सूजन और दर्द में राहत
हरसिंगार के फूल और पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गाउट और जोड़ों की सूजन में राहत देते हैं।

नियमित सेवन से जोड़ों का अकड़न और दर्द कम हो सकता है।

यह शरीर में मौजूद सूजन को अंदर से शांत करता है।

💧 कैसे करें हरसिंगार का उपयोग?
हरसिंगार का काढ़ा बनाने की विधि:

👉 सामग्री:

हरसिंगार के फूल – 4-5

हरसिंगार की पत्तियां – 2

पानी – 1 कप

शहद – स्वादानुसार

👉 विधि:

पानी को उबालें और उसमें फूल और पत्तियां डालें।

5-7 मिनट तक मध्यम आंच पर उबालें।

छानकर इसमें थोड़ा शहद मिलाएं और गुनगुना सेवन करें।

यह काढ़ा दिन में एक बार सुबह खाली पेट लेना सबसे फायदेमंद होता है।

लेप बनाकर कैसे लगाएं:

फूल और पत्तियों को पीस लें और हल्का गर्म करके जोड़ों पर लगाएं।

इससे सूजन और दर्द में तेज़ राहत मिलती है।

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