क्या पैरों का सुन्न होना ब्रेन ट्यूमर का संकेत है? जानें सच्चाई

कभी-कभी पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होना आम बात है, खासकर अगर आप लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहें। लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

डॉक्टरों के मुताबिक, यह समस्या केवल सामान्य नसों की कमजोरी ही नहीं बल्कि ब्रेन ट्यूमर जैसे खतरनाक रोग का भी लक्षण हो सकती है। इसलिए इस लक्षण को हल्के में न लें और समय रहते डॉक्टर से सलाह लें।

🧠 ब्रेन ट्यूमर और पैरों के सुन्नपन का क्या है कनेक्शन?
डॉक्टर बताते हैं कि हमारे शरीर का नियंत्रण दिमाग (ब्रेन) के जरिए होता है। जब दिमाग में ट्यूमर बनता है, तो यह वहां की नसों पर दबाव डाल सकता है, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों में कमजोरी, झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होने लगता है।

ट्यूमर का दबाव: ब्रेन ट्यूमर नसों पर दबाव डालता है, जिससे सिग्नल ट्रांसमिशन में बाधा आती है।
नर्वस सिस्टम पर असर: दिमाग और रीढ़ की हड्डी के जरिए पैरों तक जाने वाले संकेत सही ढंग से नहीं पहुंच पाते।
संतुलन की समस्या: ट्यूमर अगर ब्रेन के उस हिस्से को प्रभावित करता है, जो पैरों को नियंत्रित करता है, तो संतुलन बिगड़ना या पैरों का सुन्न होना आम है।

⚠️ हर बार ट्यूमर नहीं होता, जानें अन्य संभावित कारण
घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि पैरों का सुन्न होना हमेशा ब्रेन ट्यूमर का संकेत नहीं होता। इसके और भी कई सामान्य कारण हो सकते हैं:

लंबे समय तक बैठना: एक ही स्थिति में ज्यादा देर तक बैठने से ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है।
नसों पर दबाव: पैरों या रीढ़ की हड्डी में नसों के दबाव के कारण भी सुन्नपन हो सकता है।
डायबिटिक न्यूरोपैथी: मधुमेह के रोगियों में यह समस्या आम है।
विटामिन B12 की कमी: यह नसों की कमजोरी का कारण बन सकती है।
साइयाटिका (Sciatica): कमर से पैरों तक जाने वाली नस में खिंचाव या दबाव के कारण भी झुनझुनी हो सकती है।

🚨 कब हो जाएं सतर्क? ये लक्षण हो सकते हैं ब्रेन ट्यूमर के संकेत
अगर पैरों के सुन्नपन के साथ-साथ नीचे दिए गए लक्षण भी दिख रहे हों, तो यह ब्रेन ट्यूमर का बड़ा संकेत हो सकता है:

लगातार सिरदर्द जो समय के साथ बढ़ता जाता है।
दौरे (Seizures) पड़ना या शरीर में झटके आना।
धुंधला दिखना या देखने में दिक्कत।
संतुलन बिगड़ना या चलने-फिरने में कठिनाई।
गर्मी या सर्दी के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता।
भाषण में कठिनाई या सोचने में दिक्कत।
अगर इनमें से कोई भी लक्षण लगातार दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

🩺 क्या करें अगर पैरों में बार-बार सुन्नपन हो रहा है?
डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें: न्यूरोलॉजिस्ट या स्पेशलिस्ट से जांच कराएं।
ब्रेन स्कैन करवाएं: MRI या CT स्कैन के जरिए ब्रेन ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है।
ब्लड टेस्ट: विटामिन और ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाएं।
फिजिकल एक्टिविटी: ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें।
तनाव कम करें: मानसिक तनाव भी नसों पर असर डाल सकता है।

✅ निष्कर्ष:
पैरों में कभी-कभी झुनझुनी या सुन्नपन सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है या अन्य लक्षणों के साथ दिखाई देती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह ब्रेन ट्यूमर या अन्य गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। समय पर जांच और इलाज से जीवन बचाया जा सकता है।

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