अक्सर महिलाओं के प्रेग्नेंट होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि क्या इस दौरान फिजिकल रिलेशन बनाना सुरक्षित है? खासकर जब तीसरा महीना चल रहा हो तो यह चिंता और भी बढ़ जाती है। आम धारणा यही है कि गर्भावस्था में संबंध बनाने से बच्चे को नुकसान हो सकता है या उसकी ग्रोथ रुक सकती है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? आइए जानते हैं इसकी सच्चाई।
क्या प्रेगनेंसी में संबंध बनाना सुरक्षित है?
अगर महिला की प्रेगनेंसी हेल्दी चल रही है और डॉक्टर ने कोई मना नहीं किया है, तो सामान्य तरीके से या अलग पोजीशन में फिजिकल रिलेशन बनाए जा सकते हैं। सबसे जरूरी बात है कि दोनों की रजामंदी होनी चाहिए और जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए। हालांकि अगर महिला को दर्द, घबराहट या ब्लीडिंग महसूस हो तो तुरंत रुक जाना चाहिए।
इन 3 बातों को कभी न करें नजरअंदाज:
1️⃣ पिछला मिसकैरेज:
अगर महिला का पहले कभी मिसकैरेज हुआ है तो दोबारा प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने में संबंध बनाने से बचें।
2️⃣ इंकोम्पिटेंट सर्विक्स:
अगर महिला के यूट्रस का मुंह खुला हुआ है (Incompetent Cervix), तो प्रेगनेंसी के दूसरे तिमाही (3-6 महीने) में संबंध बनाने से बचना चाहिए। डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
3️⃣ आखिरी तिमाही में ध्यान रखें:
अगर महिला पूरी तरह स्वस्थ है, तो 6 से 9 महीने के दौरान भी संबंध बनाए जा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि पुरुष का वजन सीधे पेट पर न पड़े। इसलिए सावधानी से पोजीशन चुनें, जैसे महिला ऊपर, साइड टू साइड या Rear Entry।
खास ध्यान रखने वाली बातें:
अगर डॉक्टर ने किसी कारण से फिजिकल रिलेशन से मना किया है, तो किसी भी तरीके (जैसे मास्टरबेशन) से महिला को क्लाइमेक्स तक पहुंचाने की कोशिश न करें।
गर्भावस्था में यदि इंटरकोर्स के दौरान वीर्य वजाइना में डिस्चार्ज होता है तो उससे महिला या बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता।
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