राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क्स लिमिटेड (आईटीएनएल) द्वारा प्रवर्तित बालेश्वर खड़गपुर एक्सप्रेसवे लिमिटेड (बीकेईएल) के ऋणदाताओं को एस्क्रो (तीसरे पक्ष के) खाते में जमा कुल राशि का 75 प्रतिशत अंतरिम भुगतान करने का आदेश दिया है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित करते हुए एनसीएलएटी ने कहा कि उसे रियायती समझौते और एस्क्रो समझौते के अनुसार अंतरिम वितरण के लिए बोर्ड द्वारा कोई निर्णय न लेने का कोई उचित आधार नहीं दिखा।
एनसीएलएटी ने अपने आदेश में कहा, “एस्क्रो समझौते के अनुसार, एस्क्रो खाते में पड़ी राशि के 75 प्रतिशत का ऋणदाताओं को अंतरिम वितरण किया जाएगा।”
शेष राशि का उपयोग परिचालन, रखरखाव और अन्य भुगतान के लिए किया जाएगा।
हालांकि, इसमें यह भी कहा गया, “ऋणदाताओं को प्राप्त राशि की वापसी के लिए एक वचनबद्धता भी देनी होगी, यदि यह पाया जाता है कि वे प्राप्त राशि के हकदार नहीं थे।”
एसबीआई ने एनसीएलएटी से अनुरोध किया था कि वह बीकेईएल के एस्क्रो खाते में पड़े धन में से गारंटी के आधार पर कर्ज देने वाले ऋणदाताओं को 175 करोड़ रुपये का अंतरिम वितरण करने की अनुमति दे।
बीकेईएल ने 31 जनवरी, 2020 के बाद अपना ऋण नहीं चुकाया और 14 सितंबर, 2023 तक कंपनी के एस्क्रो खाते में 236.82 करोड़ रुपये पड़े थे।
संयुक्त बैठक में प्रमुख बैंक के साथ-साथ अन्य बैंकों ने कंपनी के पास उपलब्ध नकदी के अंतरिम वितरण का अनुरोध किया।
बीकेईएल एक विशेष इकाई है, जिसे आईटीएनएल द्वारा प्रवर्तित किया गया है। इसका गठन ओडिशा और पश्चिम बंगाल में एनएच-60 के बालेश्वर-खड़गपुर खंड में सड़क परियोजना के विकास के लिए किया गया।
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