देश की इकोनॉमी के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चालू वित्त वर्ष के लिए यह अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि तेज आर्थिक वृद्धि के साथ मजबूत क्रेडिट डिमांड से नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज क्षेत्र के फायदे को समर्थन मिलेगा। मूडीज रेटिंग्स ने कहा-हमें उम्मीद है कि मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में भारत की इकोनॉमी 6.6 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 6.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
इससे एनबीएफसी में मजबूत ऋण वृद्धि होगी, जिससे उनकी लाभप्रदता पर बढ़ती फंड लागत का प्रभाव कम हो जाएगा। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज पर एक टिप्पणी में मूडीज ने कहा कि मजबूत आर्थिक स्थिति उन्हें संपत्ति की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करेगी। हालांकि, ब्याज दरों में वृद्धि से उनके ग्राहकों पर कर्ज का बोझ बढ़ सकता है। टिप्पणी में कहा गया कि भारत में NBFC के लिए वित्तपोषण की लागत बढ़ रही है, लेकिन देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि से प्रेरित ऋण मांग इस क्षेत्र की लाभप्रदता का समर्थन करेगी।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने लगाया था ये अनुमान
हाल ही में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों में दर्ज की गई मजबूत वृद्धि के आधार पर वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत तक पहुंचने की काफी संभावना है। बता दें कि भारत का जीडीपी दिसंबर 2023 को समाप्त तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत बढ़ा। दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7.6 प्रतिशत रही जबकि पहली तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान 6.8 प्रतिशत है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सात प्रतिशत जीडीपी वृद्धि की उम्मीद है।