ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई का मन बना रहे भारतीय छात्रों को झटका लग सकता है। दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री एंथनी एल्बानीज सरकार ने स्टूडेंट वीजा फीस को दोगुने से ज्यादा करने का फैसला किया है। खास बात है कि ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के समूह के मामले में भारतीय दूसरे स्थान पर हैं। कहा जा रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने माइग्रेशन पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है।
नई व्यवस्था के तहत छात्रों को अब 1600 ऑस्ट्रेलियन डॉलर देने होंगे। यह आंकड़ा पहला 710 ऑस्ट्रेलियन डॉलर था। इतना ही नहीं टेम्परेरी ग्रेजुएट विजिटल और मेरीटाइमस क्रू वीजा धारक अब ऑस्ट्रेलिया में रहने के दौरान स्टूडेंट वीजा के लिए भी आवेदन नहीं दे सकेंगे। इसका भी असर ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय छात्रों पर पड़ने की संभावनाएं हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गृहमंत्रालय और साइबर सिक्योरिटी मामलों के मंत्री क्लेयर ओ नील ने कहा, ‘आज से लागू हो रहे बदलाव हमारी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था की अखंडता को बहाल करने में मदद करेंगे और ऐसा माइग्रेशन सिस्टम तैयार करेंगे, जो निष्पक्ष होगा, छोटा होगा और ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छे परिणाम देने वाला होगा।’
खबर है कि ऑस्ट्रेलिया सरकार ने यह फैसला इसलिए भी लिया है कि सिर्फ वास्तविक छात्रों को ही वीजा मिल सके और देश की अर्थव्यवस्था में मदद हो सके। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के शिक्षण संस्थानों में 2022 में 1 लाख से ज्यादा छात्रों ने दाखिला लिया था। इसके अलावा 1.22 लाख छात्र जनवरी से सितंबर 2023 के दौरान ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे थे।