ईरान के कब्जे में मौजूद जहाज से आजाद होकर देश लौटी भारतीय क्रू सदस्य ऐन टेसा जोसेफ ने विदेश मंत्रालय को धन्यवाद कहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐन ने कहा, विदेश मंत्रालय के सीधे हस्तक्षेप की वजह से ही मैं इतनी जल्दी आ पाई हूं। ईरान में जहाज पर बिताए समय के बारे में बताते हुए ऐन ने कहा, मुझे उम्मीद नहीं थी कि ऐसा कुछ हो सकता है। जहाज पर हमें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई।
जहाज को कब्जे में लेने वाले लोगों ने हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया। हमे खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं थी। हम अपनी मेस में खाना पका सकते थे। बस खाना खाने के लिए हमें अपने केबिन में लौटना होता था। बीते दिन, ईरान के जब्त किए गए शिप से महिला भारतीय कैडेट ऐन टेसा जोसेफ भारत लौट आई थी। वे केरल के कोचीन एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी, जहां रीजनल पासपोर्ट अधिकारी ने उनका स्वागत किया था। ऐन टेसा जोसेफ की वतन वापसी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुशी जताई थी। उन्होंने एक्स पर लिखा था, इंडियन एम्बेसी ने शानदार काम किया है, खुशी है कि एन टेसा जोसेफ घर पहुंच गई हैं। मोदी की गारंटी देश या विदेश सभी जगह काम करती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐन ने कहा, मुझे पता था कि युद्ध चल रहा है, लेकिन जहाज को बंधक बनाए जाने की आशंका नहीं थी। भले ही उन्होंने जहाज को जब्त कर लिया, लेकिन उन्होंने चालक दल के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया। वहां मेरे साथ केरल के चार और लोग है। भारत सरकार शिप पर फंसे बचे लोगों को निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। भारत लौटी ऐन टेसा जोसेफ केरल के त्रिशूर जिले की रहने वाली हैं। वह शिप पर भारतीय क्रू का हिस्सा थीं।
इससे पहले जोसेफ के परिवार ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने विदेश मंत्रालय को क्रू मेंबर्स को छुड़ाने के लिए जो लेटर लिखा है, उसमें ऐन टेसा का नाम नहीं है। इस जानकारी के बाहर आने के बाद केरल के सीएम विजयन ने जोसेफ के परिवार से बात की थी।दरअसल, इजराइल पर हमले से पहले ईरान ने भारत आ रहे पुर्तगाल के झंडे वाले एक जहाज को ओमान की खाड़ी में होर्मुज पास से जब्त किया था। इसकी जानकारी 13 अप्रैल को दी गई थी। इस पर 25 क्रू मेंबर मौजूद थे जिनमें 17 भारतीय और दो पाकिस्तानी थे। 16 भारतीय अब भी शिप पर है। शिप इजराइली अरबपति का था और भारत आ रहा था।
– एजेंसी