भारत ने एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में रविवार को यहां अपना अभियान तीन पदकों के साथ समाप्त किया, जिसमें महिला युगल में ऐतिहासिक कांस्य पदक भी शामिल है।
पिछले साल एशियाई खेलों में चीन की मौजूदा विश्व चैंपियन जोड़ी को हराकर कांस्य पदक जीतने वाली अयहिका मुखर्जी और सुतीर्था मुखर्जी की विश्व में 15वें नंबर की भारतीय जोड़ी सेमीफाइनल में जापान की मिवा हरिमोतो और मियु किहारा से 30 मिनट से भी कम समय में 4-11, 9-11, 8-11 से हार गई।
भारतीय जोड़ी को इस तरह से कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा लेकिन यह पहला अवसर है जबकि भारत ने महिला युगल में पदक जीता। भारतीय जोड़ी ने इससे पहले क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया की किम नायॉन्ग और ली यून्हे को हराकर पदक पक्का किया था।
भारतीय महिला टीम ने इससे पहले टीम स्पर्धा में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। मनिका बत्रा, अयहिका मुखर्जी और सुतीर्था मुखर्जी की भारतीय टीम सेमीफाइनल में जापान से 1-3 से हार गईं थी लेकिन अंतिम चार में पहुंचकर उसने अपने लिए कांस्य पदक पक्का कर लिया था।
यह प्रतियोगिता 1972 में शुरू हुई थी जिसके बाद यह पहला मौका था जबकि भारत ने महिला टीम स्पर्धा में पदक जीता।
पुरुष वर्ग में अचंता शरथ कमल, मानव ठक्कर और हरमीत देसाई की भारतीय टीम सेमीफाइनल में चीनी ताइपे से 0-3 से हार गई लेकिन अंतिम चार में पहुंचने से वह लगातार तीसरी बार पदक हासिल करने में सफल रही।
पुरुष एकल में मानव ठक्कर और मानुष शाह प्री-क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए। ठक्कर को हांगकांग के बाल्डविन चान से 4-11, 4-11, 8-11 से जबकि मानुष को चीनी ताइपे के लिन युन जू से एक कड़े मुकाबले में 8-11 5-11 11-7 11-6 12-14 से हार का सामना करना पड़ा।
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