भले ही अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की युग की शुरूआत हो गई हो और उन्होंने ब्रिक्स देशों में, जिनमें भारत भी एक सदस्य है, 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी हो, इसके बावजूद भारत के सामान का डंका अमेरिका में बज रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने अमेरिका में इस वित्तीय वर्ष के पहले 9 महीनों में हर घंटे लगभग 80 करोड़ रुपये का सामान निर्यात किया है। जनवरी का डेटा अगले महीने आएगा, जो और भी दिलचस्प हो सकता है। अब हम आपको बताते हैं कि अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 तक भारत का अमेरिका में निर्यात कैसे बढ़ा है।
भारत-अमेरिका व्यापार में हुआ इजाफा
अमेरिका को भारत का वस्तु निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में 5.57 फीसदी बढ़कर 59.93 अरब डॉलर (करीब 5.2 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि भारत ने अमेरिका को हर घंटे 80 करोड़ रुपये का सामान निर्यात किया है। अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण निर्यात में यह बढ़ोतरी हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में अमेरिका को भारत का निर्यात 8.49 फीसदी बढ़कर 7 अरब डॉलर रहा है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में अमेरिका से भारत का आयात 1.91 प्रतिशत बढ़कर 33.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि दिसंबर में यह 9.88 प्रतिशत बढ़कर 3.77 अरब डॉलर रहा।
भारत-अमेरिका बाइलेटरल ट्रेड
विशेषज्ञों का मानना है कि इस रुझान को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार और बढ़ेगा। अप्रैल-दिसंबर के दौरान भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 93.4 अरब डॉलर रहा। इसी अवधि में भारत और चीन के बीच व्यापार 94.6 अरब डॉलर रहा। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच संभावित ट्रेड वॉर भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ी संभावनाएं पैदा कर सकता है।
भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर
वर्ष 2021-22 से अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। भारत के कुल माल निर्यात में अमेरिका का हिस्सा लगभग 18 प्रतिशत है, जबकि इंपोर्ट में यह हिस्सा 6 प्रतिशत से अधिक है। द्विपक्षीय व्यापार में यह 11 प्रतिशत तक बैठता है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि अगर अमेरिका कुछ भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाता है, जैसा कि डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है, तो इससे व्यापार पर असर पड़ सकता है।
भारत को देना चाहिए जवाब
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “अगर अमेरिका इस तरह का कोई कदम उठाता है तो भारत को इसे दृढ़ता से जवाब देना चाहिए।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि साल 2018 में जब अमेरिका ने भारतीय इस्पात और एल्युमीनियम पर कर लगाया था, तो भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 29 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया था, जिससे भारत को बराबर राजस्व की वसूली हुई थी।
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