भारत ने दुनिया में सबसे तेज़ 5G रोलआउट पूरा किया है और अब 6G टेक्नोलॉजी में लीडर बनने के लिए तैयार है। सरकार का लक्ष्य है कि भारत वैश्विक 6G पेटेंट्स में 10% योगदान दे और दुनिया के टॉप 6 देशों में शामिल हो। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ET Now Global Business Summit में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि Bharat 6G Alliance में प्राइवेट सेक्टर, रिसर्चर्स और IITs शामिल हैं, और उन्होंने ‘सभी के लिए कनेक्टिविटी’ के सिद्धांत पर आधारित एक महत्वपूर्ण पेपर तैयार किया है, जिसे 6G टेक्नोलॉजी के प्रमुख सिद्धांतों में से एक माना गया है।
भारत में तैयार हो रहा 6G टेस्ट बेड, ₹300 करोड़ की रिसर्च को मिली मंजूरी
संचार मंत्री ने यह भी बताया कि भारत 6G टेस्ट बेड तैयार कर रहा है, जिससे 6G टेक्नोलॉजी के विकास को बल मिलेगा। इसके लिए सरकार ने ₹300 करोड़ की लागत से 111 रिसर्च प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया के सबसे एडवांस्ड डिजिटल हाईवे में से एक है। यह आर्थिक विकास को तेज करने और समावेशिता को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है।
सेमीकंडक्टर फैब्स से मिलेगा टेक्नोलॉजी को बूस्ट
भारत अब सेमीकंडक्टर फैब लगाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। संचार मंत्री ने बताया कि नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए भारत में कई सेमीकंडक्टर फैब स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “भारत सिर्फ आर्थिक विकास का केंद्र ही नहीं बनेगा, बल्कि इनोवेशन का हब भी बनेगा, और इनोवेशन ही ग्रोथ को आगे बढ़ाएगा।”
2027 तक भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, जापान-जर्मनी को पीछे छोड़ेगा
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विश्वास जताया कि 2027 तक भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा:
✅ 2028 तक भारत की अर्थव्यवस्था $5 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगी।
✅ 2030 तक यह $6 ट्रिलियन हो जाएगी।
✅ भारत की औसत वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 7% रही है, जिससे 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का फोकस ‘execution, empowerment और हर भारतीय की क्षमताओं को बढ़ाने’ पर रहा है, जिससे भारत में बड़ा परिवर्तन हो रहा है।
निष्कर्ष:
भारत ने 5G के सफल रोलआउट के बाद अब 6G टेक्नोलॉजी में दुनिया का नेतृत्व करने की तैयारी कर ली है। Bharat 6G Alliance के तहत देश 6G में 10% पेटेंट्स का योगदान देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। साथ ही, सेमीकंडक्टर फैब और रिसर्च प्रोजेक्ट्स भी टेक्नोलॉजी इनोवेशन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं।
यह भी पढ़ें:
पेशाब रोकने से कैसे हो सकते हैं किडनी और यूटीआई के गंभीर खतरे