बांग्लादेश संकट में भारत बना मददगार, आयात में जबरदस्त उछाल

बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें भी सामने आई हैं। लेकिन भारत ने एक जिम्मेदार पड़ोसी का फर्ज निभाते हुए किसी भी तरह की बाधा नहीं डाली और बांग्लादेश की जनता को आवश्यक वस्तुएं मिलती रहें, इसका पूरा ध्यान रखा।

बांग्लादेश में भारतीय सामानों की मांग बढ़ी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश की भारतीय आयात पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। स्थानीय उद्योगों के लिए अन्य देशों से सामान मंगवाना महंगा और समयसाध्य साबित हो रहा है, जिससे वे भारत की ओर रुख कर रहे हैं।

अगर बांग्लादेश के व्यापारी चीन, लैटिन अमेरिका या अफ्रीका से सामान आयात करते हैं, तो डिलीवरी में अधिक समय लगता है। इसके चलते वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते हैं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ब्रांड और खुदरा विक्रेता अब कम लीड टाइम (डिलीवरी का समय) चाहते हैं।

भारतीय कपास और कपड़ों की मांग में जबरदस्त इजाफा
बीते 6 महीनों में बांग्लादेश ने भारत से कपास, कपड़े और धागे का आयात तेजी से बढ़ाया है। खासतौर पर पिछले साल जुलाई से, जब राजनीतिक अस्थिरता के कारण व्यापार प्रभावित हुआ था।

📌 भारत से आयात के प्रमुख आंकड़े:
✅ अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही में भारत से बांग्लादेश को 2.36 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ।
✅ वित्त वर्ष 2023 में भारत से कुल 9.94 बिलियन डॉलर का सामान आयात किया गया।
✅ वित्त वर्ष 2024 के पहले 6 महीनों में भारत से 4.41 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ।

बांग्लादेश हर साल 3 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य का कपास खरीदता है, जिसमें से 50% से ज्यादा भारत से आता है।
👉 वित्त वर्ष 2023 में भारत ने 1.92 बिलियन डॉलर का कपास बांग्लादेश को निर्यात किया।
👉 वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 2.36 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

भारत से बांग्लादेश को भेजी जाने वाली अन्य वस्तुएं
कपास के अलावा, भारत बांग्लादेश को कई अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं भी निर्यात करता है:
✅ सूती धागा और कपड़े
✅ हथकरघा उत्पाद
✅ कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन

सीमा पर सख्ती से अनौपचारिक व्यापार में गिरावट
बांग्लादेश के व्यापारी बताते हैं कि अब औपचारिक व्यापार में तेजी आई है, क्योंकि दोनों देशों की सरकारों ने सीमा पर सख्ती बढ़ा दी है। इससे अनौपचारिक व्यापार में गिरावट आई है, और कानूनी तरीकों से होने वाले व्यापार को बढ़ावा मिला है।

भारत-बांग्लादेश व्यापार आगे कहां जाएगा?
🔹 अगर बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता नहीं आती, तो भारतीय आयात पर उसकी निर्भरता और बढ़ सकती है।
🔹 भारत को इससे आर्थिक लाभ होगा, लेकिन यह भी देखना होगा कि बांग्लादेश की स्थिति किस ओर जाती है।

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