महिलाओं में पुरुषों की तुलना में यूरिन इंफेक्शन (मूत्र मार्ग का संक्रमण) होने का खतरा अधिक होता है। इसका मुख्य कारण है महिलाओं की शारीरिक संरचना।
यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:
- मूत्रमार्ग की लंबाई: महिलाओं का मूत्रमार्ग पुरुषों की तुलना में छोटा होता है। इससे बैक्टीरिया को मूत्राशय तक पहुंचने में कम समय लगता है।
- गुदा के पास स्थित होना: महिलाओं का मूत्रमार्ग गुदा के बहुत करीब होता है। इस वजह से मलद्वार के आसपास मौजूद बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर सकते हैं।
- यौन गतिविधि: यौन गतिविधि के दौरान बैक्टीरिया मूत्राशय में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और बढ़ा हुआ गर्भाशय मूत्राशय पर दबाव डालते हैं, जिससे मूत्र ठीक से खाली नहीं हो पाता और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- मेनोपॉज: मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में कमी होने से योनि का पीएच स्तर बदल जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- मधुमेह: मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
यूरिन इंफेक्शन के लक्षण:
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब करते समय जलन
- पेशाब में खून आना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- बुखार
- ठंड लगना
यूरिन इंफेक्शन से बचाव के उपाय:
- पेशाब करने की इच्छा होने पर इसे रोकें नहीं।
- यौन संबंध के बाद पेशाब जरूर करें।
- हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछें।
- ढीले कपड़े पहनें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।
नोट: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए किसी डॉक्टर से सलाह लें।
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