बच्चों में मोटापे का बढ़ता खतरा: जानें क्या हैं कारण और समाधान

आजकल बच्चों में मोटापा एक सामान्य समस्या बन गई है। अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण बच्चे तेजी से ओबेसिटी (मोटापा) का शिकार हो रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। मोटापा केवल बढ़े हुए वजन से नहीं, बल्कि शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी से भी जुड़ा है। मोटापे के कारण बच्चों में कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, और यह पिछले एक दशक से बच्चों की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है, जिसे नियंत्रण में रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बच्चों में मोटापा क्यों बढ़ता है?

दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख, बताते हैं कि आजकल बच्चे घर का खाना छोड़कर जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जिससे उनका वजन तेजी से बढ़ रहा है। मोटापे के कारण बच्चों में कई तरह की बीमारियाँ भी बढ़ रही हैं, जैसे कि टाइप-2 डायबिटीज, हाई बीपी, और हार्ट डिजीज का खतरा।

दिल से जुड़ी बीमारियां:
असंतुलित आहार और खराब लाइफस्टाइल के कारण बच्चों में दिल से जुड़ी बीमारियां भी बढ़ रही हैं। कम उम्र में ही बच्चों को कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की समस्याएं हो रही हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।

सांस से जुड़ी समस्याएं:
मोटापे के कारण बच्चों में अस्थमा और सांस संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। वजन बढ़ने से फेफड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।

मानसिक तनाव:
मोटापे के कारण बच्चों में मानसिक तनाव भी बढ़ता है। बच्चों का आत्मविश्वास घटने लगता है, और वे ग्रुप में कंफर्टेबल नहीं महसूस करते हैं, जिससे वे मानसिक तनाव और स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं।

फैटी लिवर:
मोटापा बच्चों में फैटी लिवर जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। फैटी लिवर के अलावा, मोटापा बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है, जो उनके लिए खतरनाक हो सकता है।

जॉइंट पेन:
मोटापे के कारण बच्चों की हड्डियों और जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे जॉइंट पेन (कलाई, घुटने, कोहनी) की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह आगे चलकर आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

मोटापे को कैसे कंट्रोल करें?
बच्चों में मोटापे को नियंत्रित करने के लिए कुछ आसान उपाय:

जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा मीठी चीजें खाने से बच्चों को बचाना चाहिए।
बच्चों को बाहर का खाना छोड़कर हमेशा घर का पौष्टिक और संतुलित आहार लेना चाहिए।

बच्चों को हरी सब्जियां, फल, दाल और साबुत अनाज खाना चाहिए।
बच्चों को कम-फैट वाली चीजें अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए।
कई शोधों से यह साबित हुआ है कि स्क्रीन टाइम से मोटापा बढ़ता है, इसलिए बच्चों को टीवी, मोबाइल, और टैबलेट पर ज्यादा समय नहीं देना चाहिए।
बच्चों को हर दिन 1 घंटे खेल या शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए।
बच्चों को 8-10 घंटे की नींद लेनी चाहिए, क्योंकि पर्याप्त नींद से शरीर का वजन संतुलित रहता है।

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