भारत के लिए आने वाला समय शानदार होने वाला है, खासकर आर्थिक दृष्टिकोण से। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 2025 की शुरुआत वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच हुई है, लेकिन भारत मजबूत स्थिति में है। बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) के अनुसार, भारत में हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स के संकेत मिल रहे हैं जो चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (Q3 FY25) में विकास दर में तेजी दिखाते हैं।
चीन में धीमी रफ्तार, भारत की स्थिति मजबूत बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के GST कलेक्शन, सर्विस परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI), एयर पैसेंजर ग्रोथ और पैसेंजर वाहनों के रजिस्ट्रेशन में अच्छा प्रदर्शन हुआ है। वहीं, चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में धीमापन देखा जा रहा है और सरकार के लिए घरेलू खपत को बढ़ाना और रियल एस्टेट सेक्टर को फिर से ट्रैक पर लाना चुनौती बन चुका है।
अमेरिकी और यूरोपीय अर्थव्यवस्था के संकेत रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अर्थव्यवस्था से विकास के मिश्रित संकेत मिल रहे हैं। जबकि श्रम बाजार में नरमी और मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में कमजोरी देखी जा रही है, खुदरा बिक्री और सेवा क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन हुआ है। यूरोप में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में अब तक तेजी नहीं आई, लेकिन सेवा क्षेत्र में सुधार हुआ है।
चालू खाता घाटा (CAD) में कमी आई भारत का चालू खाता घाटा (CAD) वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में GDP का 1.2% तक घटा है, जो कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 1.3% था। रिपोर्ट में बताया गया है कि सेवाओं के निर्यात में तेजी और रेमिटेंस में मजबूती ने चालू खाता घाटे को कम किया है।
भारत में इन क्षेत्रों ने किया शानदार प्रदर्शन 2024 में रियल एस्टेट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और IT सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया। भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 2.8% कमजोर हुआ, लेकिन बाकी विदेशी मुद्राओं के मुकाबले इसकी स्थिति अच्छी रही। GST कलेक्शन तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 8.3% बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
आने वाले समय में उम्मीदें मजबूत फेस्टिवल डिमांड और शहरी उपभोग के संकेतकों में सुधार के साथ-साथ हवाई यात्रा में तीसरी तिमाही में 11.6% की वृद्धि हुई है। बैंक ऑफ बड़ौदा की इकोनॉमिस्ट सोनल बधान ने उम्मीद जताई है कि तीसरी तिमाही में कॉर्पोरेट्स के नतीजे भी बेहतर होंगे।
RBI से राहत की उम्मीद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में GDP ग्रोथ और महंगाई दर में कमी की उम्मीद है, जिससे फरवरी में होने वाली RBI बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की संभावना बन सकती है।
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