राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को सदन में भावुक हो गए और उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ से अपने राजनीतिक जीवन के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सदस्य घनश्याम तिवाड़ी की ओर से की गई कुछ टिप्पणियों को उच्च सदन की कार्यवाही से हटाने का आग्रह किया।
सभापति जगदीप धनखड़ ने आश्वासन दिया कि वह मंगलवार को सदन में तिवाड़ी द्वारा की गई टिप्पणियों पर गौर करेंगे और खरगे को ठेस पहुंचाने वाला कोई भी शब्द रिकॉर्ड में नहीं रहेगा।
सदन की बैठक शुरू होने पर आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद खरगे ने आसन की अनुमति से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि तिवाड़ी ने उनके राजनीतिक सफर का जिक्र किया और कहा कि ‘उनका (खरगे का) पूरा परिवार’ राजनीति में था।
खरगे ने कहा, ‘‘उन्होंने ‘परिवारवाद’ के बारे में एक टिप्पणी की। अभी मैं कह सकता हूं कि वास्तव में परिवारवाद कहां है।’’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा ‘‘मैं अनुरोध करता हूं कि इस टिप्पणी को (रिकॉर्ड से) हटा दिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने आगे कहा कि अपने परिवार में वह पहली पीढ़ी के राजनेता हैं और उनके माता-पिता राजनीति में नहीं थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद के अपने राजनीतिक जीवन के बारे में भी कुछ बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि उनके पिता का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। इस पर, सभापति धनखड़ ने उनके पिता से भी अधिक लंबे जीवन की कामना करते हुए कहा ‘आप 95 साल से अधिक जियें’।
खरगे ने कहा, ‘‘मैं इस माहौल में लंबे समय तक नहीं रहना चाहता।’’
धनखड़ ने कहा कि मंगलवार को जब तिवाड़ी ने यह टिप्पणी की, तब वह आसन पर थे।
सभापति के अनुसार, उन्हें नहीं लगता कि भाजपा नेता का खरगे के लिए कुछ गलत मतलब था। सभापति ने खरगे को आश्वासन दिया कि वह रिकॉर्ड की बारीकी से जांच करेंगे।
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