New Delhi, Dec 09 (ANI): Lok Sabha Speaker Om Birla speaks during the winter session of Parliament, in New Delhi on Monday. (ANI Photo/LSTV Grab)

पिछले कुछ वर्षों में संसद और संसदीय समितियों के कामकाज में बढ़ा है हिंदी का प्रयोग : लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में हिंदी भाषा में संवाद और कामकाज बढ़ने का दावा करते हुए कहा है कि अनेक प्रयासों के कारण पिछले कुछ वर्षों में संसद और संसदीय समितियों (स्थायी समितियों) के कामकाज में हिंदी का प्रयोग करने की प्रवृत्ति बढ़ी है।

हिंदी दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि आज लोकसभा की कार्यवाही में हिंदी न केवल अनुवाद की भाषा है बल्कि सांसदों द्वारा सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा भी है।

लोकसभा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखा, “राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर सभी देशवासियों और हिंदी प्रेमियों को शुभकामनाएं। 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में अंगीकार किया था। इस वर्ष उस ऐतिहासिक संकल्प के 75 साल पूरे हो रहे हैं, और हम राजभाषा के रूप में हिन्दी की ‘हीरक जयंती’ मनाने जा रहे हैं। हम सभी के लिए यह गौरव का विषय है।”

उन्होंने आगे कहा, “विविधताओं में एकता का स्वरूप लिए भारत में अलग-अलग प्रदेशों, क्षेत्रों की मातृभाषाओं के बीच हिंदी ने सदा से ही सेतु का कार्य किया है। इन पचहतर वर्षों में हिंदी जनसाधारण में संवाद और संवेदना की भाषा बन गई है। पिछले कुछ वर्षों में भारत की संसद में भी हिंदी का उपयोग बढ़ा है। सामान्य कामकाज के साथ ही आसन से निर्देश-व्यवहार में, अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों-सम्मेलनों, द्विपक्षीय वार्ताओं में, समिति बैठकों में, शोध की सामग्री के रूप में हिन्दी अधिक प्रचलित हुई है। आज लोकसभा की कार्यवाहियों में हिंदी न केवल अनुवाद की भाषा है, बल्कि सदस्यों द्वारा सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। पिछले कुछ वर्षों से संसद के अधिकाधिक सदस्य हिंदी में संदर्भों का अनुरोध कर रहे हैं। प्राइड द्वारा आयोजित संसदीय प्रशिक्षण कार्यशाला में भी हिन्दी एक सशक्त स्वर बनकर उभरी है।”

उन्होंने आगे कहा, “लोकसभा की वेबसाइट पर सभी संसदीय कार्यवाहियों का अंग्रेजी के साथ हिंदी रूपांतरण की सुलभता आमजन के हित में सिद्ध हो रही है। ऐसे अनेक प्रयासों से पिछले कई वर्षों में सदस्यों द्वारा लोकसभा और स्थाई समितियों की कार्यवाहियों में हिंदी में संवाद करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। हिंदी की प्रासंगिकता और उपयोगिता अनन्य रूप से उत्तरोत्तर समृद्ध हो, इसी संकल्प के साथ पुनः सभी देशवासियों को हिन्दी दिवस की अनेक शुभकामनाएं।”

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