दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, वक्फ बोर्ड से जुड़े इमामों ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। हफ्ते में तीसरी बार इमाम पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर इकट्ठा हुए और उनसे मुलाकात कर 17 महीने से लंबित वेतन की मांग की। हालांकि, अभी तक इमामों को मुलाकात का अवसर नहीं मिला है। उनका कहना है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्दी नहीं किया गया तो वे चुनाव से पहले ‘आप’ सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।
इससे पहले शनिवार और गुरुवार को भी इमाम ‘आप’ के प्रमुख के घर के बाहर जुटे थे। दोनों दिन वे घंटों केजरीवाल के घर के बाहर खड़े रहे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। गुरुवार को राशिदी ने कहा था कि केजरीवाल के पीए ने उन्हें शनिवार शाम 5 बजे आने को कहा था, लेकिन उस दिन भी मुलाकात नहीं हो सकी। सोमवार सुबह फिर बड़ी संख्या में इमाम केजरीवाल के आवास के बाहर एकत्रित हो गए।
ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रमुख मौलाना साजिद राशिदी की अगुआई में जुटे इमामों का कहना है कि उन्हें 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है। उनका यह भी कहना है कि इमामों को 18 हजार रुपये वेतन मिल रहा है, जो मजदूरों से भी कम है। राशिदी ने कहा कि वे तीन दिन से निराश होकर लौट रहे हैं और केजरीवाल एक बार भी मुलाकात के लिए तैयार नहीं हैं।
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