कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के प्रशासक ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में एक हलफनामा दायर किया है। आरकैप ने इसमें आईआईएचएल पर गैर-अनुपालन का आरोप लगाते हुए कहा है कि हिंदुजा समूह की कंपनी न्यायाधिकरण के 23 जुलाई के आदेश में निर्धारित शर्तों को पूरा करने में विफल रही है।
प्रशासक ने अपने हलफनामे में एनसीएलटी को सूचित किया कि भारत और विदेश में ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के निर्दिष्ट एस्क्रो (किसी तीसरे पक्ष के) खातों में 2,750 करोड़ रुपये जमा करने के बजाय इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने अपने स्वयं के खातों के साथ-साथ प्रवर्तकों के खातों में भी धन जमा कर दिया है।
हालांकि, आईआईएचएल ने एक अलग हलफनामे में कहा था कि उसके पास धनराशि है और एस्क्रो खाता खुलने के बाद उसे स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जिसके लिए शर्तें भी बताई गई हैं।
आईआईएचएल के प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी एस्क्रो खाते को खोलने के लिए कुछ नियम व शर्तें होती हैं जो द्विपक्षीय रूप से हस्ताक्षरित समझौते पर आधारित होती हैं। नियम व शर्तें पूरी होती हैं या नहीं, न्यासी उसी के अनुसार फैसला करता है।
सूत्रों के अनुसार, सीओसी और प्रशासक यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि आईआईएचएल ने एकतरफा खोले गए एस्क्रो खाते में धनराशि स्थानांतरित नहीं की है।
एनसीएलटी के 23 जुलाई के आदेश के अनुसार, सफल बोलीदाता आईआईएचएल को 31 जुलाई, 2024 तक कुछ शर्तों का पालन करना था।
इन शर्तों में 31 जुलाई तक सीओसी द्वारा निर्दिष्ट घरेलू एस्क्रो खाते में 250 करोड़ रुपये की प्रारंभिक इक्विटी राशि जमा करना और ऋणदाताओं द्वारा निर्दिष्ट अपतटीय एस्क्रो खाते में 2,500 करोड़ रुपये जमा करना शामिल था।
हालांकि, प्रशासक ने आरोप लगाया कि आईआईएचएल ने हर्ष अशोक हिंदुजा, शोम अशोक हिंदुजा और अशोक पी. हिंदुजा के खातों में पैसा जमा किया। इसी तरह, आईआईएचएल के अपने खातों में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, मॉरीशस और स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस में 2,500 करोड़ रुपये जमा किए गए।
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