विटामिन डी की कमी के ये 4 लक्षण दिखें तो तुरंत करें इलाज

आपने अक्सर अपनी मां, पत्नी या आसपास की महिलाओं को कहते सुना होगा कि छोटे-छोटे काम करने से ही कमर और पैरों में दर्द होने लगता है। ऐसा होना एक सामान्य समस्या नहीं बल्कि विटामिन और पोषक तत्वों की कमी का संकेत हो सकता है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, जो हड्डियों की कमजोरी और जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण बनता है।

विटामिन डी की कमी से न केवल हड्डियों में दर्द होता है, बल्कि हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। खासतौर पर प्रेगनेंसी के बाद शरीर को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है और विटामिन डी की कमी अधिक देखी जाती है। इसलिए शरीर में इसके कम होने के लक्षणों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

महिलाओं में विटामिन डी की कमी क्यों है खतरनाक?
कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी रहती है, उनमें हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन डी की कमी से प्री-एक्लेम्पसिया और गेस्टेशनल डायबिटीज़ का खतरा भी बढ़ जाता है।

विटामिन डी कम होने से हड्डियां कमजोर होकर आसानी से टूट सकती हैं, इसलिए इसे कभी भी हल्के में न लें।

महिलाओं में विटामिन डी कमी के प्रमुख लक्षण
बार-बार बीमार पड़ना: विटामिन डी की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी, जुकाम, फ्लू और बुखार जैसी बीमारियां जल्दी लगती हैं।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द: विटामिन डी कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाता है, इसलिए इसकी कमी से हड्डियां कमजोर और दर्दनाक हो जाती हैं।

थकान और कमजोरी: विटामिन डी की कमी ब्लड शुगर को प्रभावित करती है, जिससे थकान और कमजोरी बनी रहती है।

जख्म भरने में देर: चोट लगने या सर्जरी के बाद घाव जल्दी नहीं भरते, यह भी विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है।

विटामिन डी की कमी कैसे पूरी करें?
भारत में विटामिन डी की कमी बहुत आम है, खासकर महिलाओं और बच्चों में। इसे दूर करने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है—सुबह की धूप। कोशिश करें कि सुबह 9 बजे तक रोजाना 15-20 मिनट के लिए धूप में बैठें, ताकि शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिल सके।

अगर धूप में बैठना मुश्किल हो तो विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे सीफूड, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडा, संतरा और प्लांट बेस्ड फूड्स का सेवन करें।

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