विश्व चैंपियनशिप के चैलेंजर डी गुकेश ने रविवार को कहा कि वह अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों के बारे में नहीं सोचते हैं और पिछली बार चूकने के बाद इस बार शतरंज ओलंपियाड में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक सुरक्षित करने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार थे।
गुकेश भारत की ऐतिहासिक जीत के मुख्य सूत्रधार रहे। भारतीय पुरुष टीम ने अंतिम दौर में स्लोवेनिया को 3.5-0.5 से हराकर इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। भारतीय महिला टीम ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए इस प्रतियोगिता में पहली बार स्वर्ण पदक जीता।
ग्रैंडमास्टर गुकेश ने विश्व की शतरंज की सर्वोच्च संस्था फिडे से कहा, ‘‘मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। विशेष कर तब जबकि हमने अच्छा खेल दिखाया और एक टीम के रूप में शानदार प्रदर्शन किया। अतीत में हमें कुछ करीबी हार का सामना करना पड़ा था लेकिन इस बार हम जीतने में सफल रहे। मैं अभी बहुत खुश हूं।’’
गुकेश ने कहा,‘‘कल हमारी टीम की बैठक हुई थी। हम पहले से ही जश्न के मूड में थे। मैं बहुत उत्साहित था। हमने खुद को खेल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर किया और यहां आए, अपना काम किया और फिर जश्न मनाया।’’ उन्होंने कहा कि इस बार टीम किसी भी तरह की गलती नहीं करने के लिए प्रतिबद्ध थी। भारत में 2014 और 2022 में इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था।
गुकेश ने कहा,‘‘ पिछली बार जो हुआ था, उसके बाद से हम टीम को जीत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध थे। इस बार मैंने सोचा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या करने जा रहा हूं। टीम को विजेता बनाने के लिए मुझे जो कुछ भी करना पड़ेगा वह मैं करूंगा। इसलिए मैंने वास्तव में व्यक्तिगत प्रदर्शन के बारे में ज्यादा नहीं सोचा। मैं बस यही चाहता था कि इस बार टीम जीत जाए।’’
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