विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह के समय, खासकर जागने के बाद के पहले कुछ घंटों में हार्ट अटैक की संभावना सबसे ज्यादा होती है. आइए जानते हैं यहां.
शोध बताते हैं कि सुबह के समय, खासकर 6 से 9 बजे के बीच, हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है. आइए जानते हैं क्यों?
आजकल, दिल के दौरे का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है, और यह सिर्फ बड़े लोगों में ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी देखने को मिल रहा है.
आजकल, दिल के दौरे का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है, और यह सिर्फ बड़े लोगों में ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी देखने को मिल रहा है.
सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं. सबसे पहले, जब हम सोकर उठते हैं, तब हमारे शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. कोर्टिसोल, जिसे ‘स्ट्रेस हार्मोन’ भी कहा जाता है, रक्तचाप को बढ़ाता है और हृदय को अधिक मेहनत करने के लिए मजबूर करता है.
सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं. सबसे पहले, जब हम सोकर उठते हैं, तब हमारे शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. कोर्टिसोल, जिसे ‘स्ट्रेस हार्मोन’ भी कहा जाता है, रक्तचाप को बढ़ाता है और हृदय को अधिक मेहनत करने के लिए मजबूर करता है.
सुबह के समय हमारे खून में थक्का जमने वाले पदार्थ भी ज्यादा होते हैं, जो हार्ट अटैक के खतरे को और बढ़ा देते हैं.
सुबह के समय हमारे खून में थक्का जमने वाले पदार्थ भी ज्यादा होते हैं, जो हार्ट अटैक के खतरे को और बढ़ा देते हैं.
सुबह के समय शरीर की आंतरिक घड़ी, या सर्कैडियन रिदम, भी हार्ट अटैक के खतरे को प्रभावित करती है. इस समय ब्लड प्रेशर स्वाभाविक रूप से बढ़ता है, और रक्त वाहिकाएं अधिक संकुचित होती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है.
सुबह के समय शरीर की आंतरिक घड़ी, या सर्कैडियन रिदम, भी हार्ट अटैक के खतरे को प्रभावित करती है. इस समय ब्लड प्रेशर स्वाभाविक रूप से बढ़ता है, और रक्त वाहिकाएं अधिक संकुचित होती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है.
सुबह के समय रक्त में फाइब्रिनोजेन नामक प्रोटीन का स्तर भी उच्च होता है, जो रक्त को गाढ़ा बनाता है और थक्के बनने की संभावना को बढ़ाता है. इन सभी कारकों का मिलकर असर होता है, जिससे सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
सुबह के समय रक्त में फाइब्रिनोजेन नामक प्रोटीन का स्तर भी उच्च होता है, जो रक्त को गाढ़ा बनाता है और थक्के बनने की संभावना को बढ़ाता है. इन सभी कारकों का मिलकर असर होता है, जिससे सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.