दोस्तो सुखमय जीवन के लिए व्यक्ति के लिए स्वस्थ्य होना बहुत जरूरी है क्योंकि हम स्वस्थ्य रहेंगें तभी हम जीवन में अन्य समस्याओं का सामना कर सकेगें। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ-साथ हड्डियों का कमजोर होना सामान्य बात है, लेकिन जब हड्डियां इतनी कमजोर हो जाएं कि जरा सी चोट लगने पर टूटने लगें तो उस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं। अगर इसका समय रहते उपचार न किया जाए तो मरीज को असहनीय पीड़ा होने लगती है। उसके शरीर के आकार में परिर्वतन आ जाता है।
ऐसे करें बीमारी की पहचान
अगर आप जल्दी थक जाते हैं या फिर आपके शरीर में बार-बार दर्द होता है। मॉर्निंग सिकनेस, मसल्स पेन आदि के अलावा आपको जल्दी-जल्दी फ्रैक्चर की समस्या भी हो रही हो तो 40 की उम्र के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की भी जांच जरूर करा लेनी चाहिए।
यह बीमारी होने के कारण :
आनुवंशिक कारणों से भी यह बीमारी हो सकती है।
शरीर में प्रोटीन और कैल्शियम की कमी होने से भी हड्डियों के रोग घेरते हैं।
विटमिन डी की कमी
उम्र बढऩे के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
शारीरिक श्रम न करने से भी हड्डियों की समस्याएं घेर सकती हैं।
स्मोकिंग या सॉफ्ट ड्रिंक्स का ज्य़ादा सेवन भी एक कारण है।
स्त्रियों में पीरियड्स का खत्म होना।
डायबिटीज एवं थायरॉयड जैसी बीमारियों के कारण भी यह समस्या हो जाती है।
स्टेरॉयड जैसी दवाओं का लंबे समय तक सेवन करना।
बचाव का तरीका
कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे कि दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
नियमित व्यायाम, योग और ध्यान करें।
अपने शरीर के वजन और कैल्शियम स्तर की नियमित जांच कराएं।
इन एक्टिविटीज़ पर भी दें ध्यान
डांस और एरोबिक्स कर सकते हैं
जिन्हें डांस का शौक हो, उनके लिए इसे रोज करने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। डांस से न सिर्फ आप सेहतमंद रह सकते हैं, बल्कि यह मन को स्फूर्ति भी प्रदान करता है और कई तरह के दबावों व तनाव से भी मुक्त करता है। इसके अलावा हड्डियों के लिए नियमित एरोबिक्स करना भी बहुत लाभदायक है।
प्रतिदिन दौड़ना
दोस्तो प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 3 मिनिट तक दौड़ना चाहिए । क्योंकि दोड़ना एक अच्छा व्यायाम है और यह शरीर के स्वस्थ्य के लिए लाभकारी भी है। इससे व्यक्ति का वज़न नियंत्रित रहता है। इससे फेफडे खुलते हैं, सांस फूलती है और हृदय-गति ठीक होती है, जिस कारण दिल भी स्वस्थ बना रहता है। इससे हड्डियों और मांसपेशियों में भी मजबूती आती है। इसलिए रोजाना दौड़ना जरूरी है।
सीढी चढ़ना
हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने और स्टैमिना को बढाने का यह अचूक तरीका है। लिफ्ट के बजाय रोजाना सीढिय़ों का उपयोग करना एक बेहतरीन व्यायाम है।
तेज चलना
स्वास्थ्य या दूसरी वजहों से जो लोग इनमें से कोई भी व्यायाम करने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें रोज 30-45 मिनट तक ब्रिस्क वॉक करना चाहिए। स्वस्थ बने रहने के लिए यह सबसे सुरक्षित और कारगर उपाय है। हड्डियों और मांसपेशियों पर भी इसका अच्छा असर पडता है।