आम का मौसम आ चुका है और बाजार में हर प्रकार के आम अपनी खूबसूरती और स्वाद से लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि कुछ आमों को पकाने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं?
आजकल आमों को पकाने के लिए सबसे अधिक कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 2011 में इस केमिकल के उपयोग और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। फिर भी कुछ व्यापारी इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आप जो आम खरीद रहे हैं, वह केमिकल फ्री है या नहीं।
आम चेक करने के कुछ आसान तरीके:
पानी में डालकर चेक करें:
एक बाल्टी पानी में आम डालें। यदि आम पानी में डूब जाता है, तो समझें कि यह नेचुरल तरीके से पका हुआ है। यदि आम पानी में तैरता है, तो इसका मतलब है कि इसे केमिकल से पकाया गया है।
रंग की जांच करें:
केमिकल से पकाए गए आम में पीले और हरे रंग के धब्बे होते हैं, जो एक दूसरे से अलग दिखते हैं। वहीं, नेचुरल तरीके से पके आम में एक समान पीला रंग होता है।
पल्प की जांच करें:
जब आप नेचुरल तरीके से पके आम को काटते हैं, तो पल्प का रंग बीच और किनारे पर समान होता है। लेकिन केमिकल से पके आम में पल्प का रंग गहरा होता है और किनारे का रंग हल्का होता है।
धब्बों की जांच करें:
आर्टिफिशियल तरीके से पकाए गए आम पर सफेद रंग के धब्बे होते हैं, जबकि नेचुरल तरीके से पके आम में भूरे धब्बे होते हैं। इसलिए सफेद या नीले धब्बों वाले आम को न खरीदें।
इन सरल तरीकों से आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि जो आम आप खा रहे हैं वह पूरी तरह से सेहतमंद और केमिकल फ्री है।
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