शरीर में रक्त धमनियां ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को हमारे महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंचाती हैं। लेकिन जब ये धमनियां बंद हो जाती हैं, तो दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। खासकर पैरों की धमनियों के बंद होने की समस्या से कई लोग जूझ रहे हैं। जब ब्लॉकेज के कारण पैरों की धमनियां संकुचित या अवरुद्ध हो जाती हैं, तो इसे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) कहा जाता है। यह ठीक वैसे ही है जैसे हृदय की धमनियों में रुकावट हो, जिससे पैरों तक रक्त का प्रवाह बाधित होता है। अक्सर इस समस्या के प्रति जागरूकता कम होती है, इसलिए जानना जरूरी है कि ये रुकावट कैसे होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इसे स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए।
पैरों की धमनियों के बंद होने के कारण
जब धमनियों की दीवारों पर वसा और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, तो रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिससे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज होती है। यह स्थिति आमतौर पर धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कम सक्रिय जीवनशैली के कारण होती है। समय के साथ ये कारण रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पैरों में रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है और दर्द, संक्रमण या यहां तक कि अंग की हानि का खतरा बढ़ जाता है।
पैरों की धमनियों के बंद होने के लक्षण
चलने पर पैरों में दर्द या ऐंठन
पैरों में सुन्नता या कमजोरी
निचले पैर या पैर में ठंडापन महसूस होना
पैरों या पैर की उंगलियों पर घाव जो ठीक नहीं होते
चमकदार, रंगहीन त्वचा या धीरे-धीरे बढ़ने वाले नाखून
यदि ये लक्षण दिखें तो उन्हें नजरअंदाज न करें क्योंकि समय पर निदान और इलाज से ठीक होना संभव है।
निदान कैसे होता है?
पैरों की बंद धमनियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर एंकल-ब्रेकियल इंडेक्स (ABI) टेस्ट करेंगे, जो टखने और हाथ के रक्तचाप की तुलना करता है। इसके अलावा डॉपलर अल्ट्रासाउंड, सीटी एंजियोग्राफी और एमआर एंजियोग्राफी जैसे इमेजिंग टेस्ट भी किए जा सकते हैं, ताकि रुकावट की जगह और गंभीरता का पता लगाया जा सके।
उपचार के विकल्प
उपचार मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। शुरुआती अवस्था में जीवनशैली में बदलाव, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और शुगर नियंत्रित करने वाली दवाएं दी जाती हैं। गंभीर मामलों में रक्त प्रवाह बहाल करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
बचाव के लिए जरूरी कदम
पैरों की धमनियों को स्वस्थ रखने के लिए सही जीवनशैली अपनाना जरूरी है। रोजाना व्यायाम करें, धूम्रपान छोड़ें, संतुलित आहार लें और मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का सही प्रबंधन करें। साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर बीमारी पकड़ में आने पर उपचार आसान होता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
यह भी पढ़ें:
डायबिटिक रेटिनोपैथी: डायबिटीज से आंखों को होने वाली गंभीर बीमारी और इसके बचाव के उपाय