अतिसार कहिए दस्त या लूज मोशन नाम अलग हैं और समस्या एक है, वह भी बहुत अधिक विकट! लूज मोशन अच्छे से अच्छे हेल्दी इंसान को जरा-सी देर में कमजोरी से भर देते हैं। खान-पान में हुए छोटी-सी लापरवाही भी लूज मोशन की वजह हो सकती है। यहां जानें, दस्त की समस्या होने पर किन घरेलू नुस्खों के जरिए आप जल्द से जल्द राहत प्राप्त कर सकते हैं।
अर्जुन की पत्तियां
-अर्जुन का वृक्ष आमतौर पर घरों में शोभा बढ़ाने के लिए लगाया जाता है। क्योंकि इसका फल अमरस जैसा दिखनेवाला बहुत ही सुंदर आकार में होता है। साथ ही इसके आकर्षक पत्ते और भीनी खुशबू वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने में सहायक होती है।
-अर्जुन की छाल और इसके पत्ते दोनों ही दस्त की समस्या दूर करने में बहुत उपयोगी होते हैं। अर्जुन की छाल का काढ़ा तैयार करके आप दिन में सिर्फ एक बार इसका उपयोग कर सकते हैं। वह भी सिर्फ आधा कप।
– अर्जुन के पत्तों को पानी में पकाकर इस पानी का उपयोग भी आप दिन में एक बार कर सकते हैं। अर्जुन के पत्तों का पानी सामान्य स्थिति में भी पेट की सफाई के लिए कभी-कभी उपयोग किया जा सकता है।
सबसे आम इलाज है यह
-लूज मोशन का सबसे प्रचलित इलाज है इसबगोल। जी हां, यह एक ऐसी औषधि है जो कब्ज से भी मुक्ति दिलाती है और लूज मोशन होने पर भी राहत देती है। कब्ज ठीक करने के लिए आपको इसका सेवन पानी के साथ करना होता है या दूध के साथ करना होता है।
-जबकि लूज मोशन में इसबगोल का सेवन दही में मिलाकर करें। सामान्य पानी और दूध का उपयोग तो दस्त होने पर बिल्कुल नहीं करना चाहिए। दूध जहां मोशन, गैस और पेट दर्द की समस्या को बढ़ा सकता है। वहीं पानी आपको तुरंत वॉशरूम की तरफ दौड़ने के लिए मजबूर कर सकता है।
-लूज मोशन होने पर एक चम्मच इसबगोल को एक कटोरी दही में मिलाकर खाएं। जब भी पानी पीने का मन हो तो गुनगुने पानी में चीनी और नमक घोलने के बाद उसका सेवन करें। इससे आपको मोशन और दर्द दोनों की रोकथाम में सहायता मिलेगी।
मूंग दाल की खिचड़ी
-मूंग दाल की खिचड़ी और मीठी दही। ये दोनों चीजें अतिसार की समस्या को रोकने का सबसे अच्छा, आसान और प्रभावी उपाय हैं। क्योंकि इनके लगातार सेवन से शरीर में कमजोरी नहीं आती है।
-लूज मोशन के कारण हमारे शरीर के लगभग सभी पोषक तत्व तेजी के साथ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में हमारा शरीर कमजोर होकर निढाल होने लगता है। मूंगदाल की खिचड़ी का सेवन इस स्थिति से बचाने में बहुत ही सहायक है।
-ध्यान रखें कि दस्त होने पर मूंगदाल की खिचड़ी में पानी की मात्रा अधिक रखनी चाहिए। यह सूखी ना होकर वॉटरी होनी चाहिए। यानी अधिक पानी से युक्त। इसे पचाने में शरीर के लिए बहुत आसानी होती है।
चीनी-नमक का घोल
-यदि लूज मोशन होने की स्थिति में आपके पास घर में ऐसा कुछ भी उपलब्ध ना हो कि आप अपना तुरंत इलाज कर पाएं तो चीनी-नमक आपके लिए बहुत बड़े सहायक के रूप में काम करेंगे।
-आप एक गिलास गुनगुने पानी में 3 चम्मच चीनी घोलकर 2 चुटकी काला नमक या सेंधा नमक मिला लें। अब आप इस पानी को घूंट-घूंट करके आराम से पिएं।
– भूख लगने की स्थिति में आप इस पानी के साथ बिस्किट्स का सेवन भी कर सकते हैं। दिन में अधिक से अधिक बार इस पानी का सेवन करें। आपको जल्द ठीक होने में मदद मिलेगी। साथ ही शरीर में कमजोरी भी नहीं आएगी।
सेब का सिरका
-सेब का सिरका लूज मोशन की एक कारगर घरेलू दवा है। कच्चा सेब का सिरका और आधा गिलास गुनगुना पानी लें। इस पानी में सेब के सिरके को 2 चम्मच मिला लें। अब इस मिश्रण को पी जाएं। इसे आप दिन में 2 से 3 बार उपयोग कर सकते हैं।
-यदि इसका सेवन करने में दिक्कत हो तो जरूरी लगने पर आप इसमें 1 चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। इसका सेवन दवाई की तरह मूंग दाल की खिचड़ी खाने के बाद करें। यह आपको अत्यधिक लाभ देगा।
बबूल की छाल का उपयोग
-बबूल का नाम आपने अक्सर दांतों को मजबूत बनाए रखने के संदर्भ में सुना होगा। लेकिन बबूल की छाल यानी उसके तने और शाखाओं की बाहरी परत को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार करें और इस काढ़े का सेवन दिन में 2 से 3 बार करें। दस्त की समस्या में राहत मिलेगी।
-बबूल का काढ़ा तैयार करने के लिए आप बबूल की लकड़ी की छाल उतार लें और इसे अच्छी तरह साफ कर लें। अब 1 कप काढ़ा तैयार करने के लिए डेढ़ कप पानी गैस पर पकने के लिए रखें और इसमें बबूल की छाल डालकर धीमी आंच पर तब तक पकने दें, जब तक कि यह पानी एक कप हो जाए।
-अब इस पानी को छानकर हल्का ठंडा होने दें। इसके बाद इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें। एक सांस में इसे नहीं पीना चाहिए। बल्कि घूंट-घूंट करके धीरे-धीरे पिएं। आपको लाभ होगा।
पुदीने की चाय है लाभकारी
-अतिसार की समस्या होने पर आप पुदीने के पत्तों से तैयार चाय का उपयोग भी कर सकते हैं। पुदीने के पत्तों से चाय तैयार करने के लिए आप डेढ़ कप पानी में 5 से 6 पुदीना पत्ती डालें। इस पानी को 10 मिनट के लिए धीमी आंच पर पकाएं।
-जब यह पानी एक कप रह जाए तो आप इसे छानकर इसका उपयोग कर सकते हैं। पुदीने की चाय का सेवन आप दिन में दो बार कर सकते हैं। हर बार ताजी चाय बनाकर ही उपयोग में लाएं।