अलसी के बीजों को आयुर्वेद में सदियों से कई बीमारियों के लिए एक रामबाण औषधि माना जाता है। इनमें से एक है यूरिक एसिड का नियंत्रण।
अलसी कैसे करती है यूरिक एसिड को कम?
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यूरिक एसिड के बढ़ने से जोड़ों में सूजन होती है, अलसी इस सूजन को कम करके आराम दिलाती है।
- किडनी फ़ंक्शन को बेहतर बनाती है: अलसी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करती है। किडनी शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने का काम करती है। स्वस्थ किडनी यूरिक एसिड को अधिक प्रभावी ढंग से निकाल सकती है।
- पानी का स्तर बढ़ाती है: अलसी जब पानी में भिगोई जाती है तो यह एक जेल जैसी पदार्थ बनाती है। यह पदार्थ शरीर में पानी का स्तर बढ़ाता है जिससे यूरिक एसिड पतला होता है और किडनी द्वारा आसानी से बाहर निकल जाता है।
अलसी का सेवन कैसे करें?
- अलसी का पाउडर: अलसी के बीजों को पीसकर पाउडर बना लें और इसे दही, सूप या स्मूदी में मिलाकर खाएं।
- अलसी का तेल: अलसी के तेल को सलाद में डालकर या गर्म भोजन में थोड़ा सा मिलाकर खा सकते हैं।
- अलसी का पानी: अलसी के बीजों को रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट पी लें।
कितनी मात्रा में लें?
आप रोजाना 1-2 चम्मच अलसी के बीज या 1-2 चम्मच अलसी का तेल ले सकते हैं। हालांकि, किसी भी चीज का अधिक सेवन करना हानिकारक हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
अन्य फायदे
- पाचन में सुधार: अलसी पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
- दिल की सेहत: अलसी दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करती है।
- त्वचा के लिए फायदेमंद: अलसी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
कौन नहीं खा सकता?
- जिन लोगों को अलसी से एलर्जी है उन्हें नहीं खाना चाहिए।
- अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
अलसी यूरिक एसिड को कम करने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी प्राकृतिक उपचार है। हालांकि, किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
ध्यान दें: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी भी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
यह भी पढ़ें:-
पेट की समस्याओं का घरेलू इलाज: फॉलो करे ये टिप्स, मिलेगी राहत