हाई ब्लड प्रेशर के बारे में तो लोग अक्सर सतर्क रहते हैं, लेकिन कम ब्लड प्रेशर (लो बीपी) की समस्या भी उतनी ही गंभीर हो सकती है। आजकल बड़ी तादाद में लोग कम ब्लड प्रेशर से जूझ रहे हैं, जो कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी का कारण बनता है और शरीर के विभिन्न अंगों तक खून सही तरीके से नहीं पहुंच पाता है। इसके कारण दिल, दिमाग और अन्य अंगों को गंभीर नुकसान हो सकता है। अगर लो बीपी बहुत ज्यादा कम हो जाए और समय रहते इसे कंट्रोल न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर को तो दवाइयों से कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन कम ब्लड प्रेशर के लिए दवाइयां नहीं मिलतीं, और इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है।
कम बीपी क्यों होता है?
कम ब्लड प्रेशर होने के कई कारण हो सकते हैं:
विटामिन बी-12 और आयरन की कमी
हार्मोनल इंबैलेंस
डायबिटीज
दिल की असामान्य धड़कन
हार्ट फेलियर
ब्लड वेसल्स का फैलना
स्ट्रोक
लिवर की बीमारियां
प्रेगनेंसी
शरीर में पानी की कमी
किसी मेडिसिन का साइड इफेक्ट
जेनेटिक कारण
तनाव या लंबे समय तक भूखा रहना
कम बीपी दिल की बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। ब्लड प्रेशर का सीधा संबंध दिल की पंपिंग से होता है। जब आर्टरी में ब्लॉकेज होता है, तो ब्लड पंपिंग में समस्या आती है और शरीर के विभिन्न अंगों तक खून नहीं पहुंच पाता है।
क्या लो बीपी के लिए ताउम्र दवा लेनी जरूरी है?
लो बीपी का इलाज व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। हर किसी को ताउम्र दवाइयां लेने की जरूरत नहीं होती है। जीवनशैली में कुछ बदलावों से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।
जीवनशैली में बदलाव:
बैलेंस डाइट: नमक की सही मात्रा को डाइट में शामिल करें क्योंकि नमक बीपी बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन ज्यादा नमक का सेवन न करें।
हाइड्रेशन: पानी की भरपूर मात्रा पिएं, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो।
धीरे-धीरे स्थिति बदलें: अचानक खड़े होने से बचें, बैठने या लेटने के बाद धीरे-धीरे खड़े हों।
मेडिकल ट्रीटमेंट:
मेडिसिन: यदि लाइफस्टाइल में बदलाव से बीपी कंट्रोल नहीं होता है, तो डॉक्टर दवाइयां सलाह देते हैं। कुछ मामलों में ताउम्र दवाइयां लेनी पड़ सकती हैं।
मेडिकल कंडीशन: यदि कम बीपी किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या की वजह से है, तो पहले उस कंडीशन का इलाज किया जाता है।
रेगुलर जांच:
रेगुलर बीपी चेक करें और डॉक्टर की सलाह पर अमल करें।
कम बीपी गंभीर हो सकता है, लेकिन इसका इलाज संभव है। हर किसी को ताउम्र दवाइयां लेने की जरूरत नहीं होती। लाइफस्टाइल में सुधार, प्रॉपर डाइट और इलाज के जरिए इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।
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