ब्लड शुगर का बढ़ना बेहद खतरनाक माना जाता है. यह न सिर्फ डायबिटीज की बीमारी बल्कि किडनी, लिवर, हार्ट और आंखों से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ा सकता है. यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स लाफस्टाइल और खानपान में सुधार पर जोर देते हैं. इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखा जा सकता है. डॉक्टर्स का कहना है कि ब्लड शुगर लेवल बढ़ना ही नहीं कम होना भी जोखिम भरा ही होता है. अगर लंबे समय तक यह लो ब्लड शुगर बना रहता है तो कोमा में जाने का खतरा रहता है. यही कारण है कि हमेशा शुगर लेवल नॉर्मल बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए.
कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फास्टिंग ग्लूकोज का स्तर 70 mg/dL से 100 mg/dL तक नॉर्मल होता है. अगर फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज 100 से 125 mg/dL और खाने के बाद इसका लेवल 140 mg/dL से ज्यादा बना रहता है तो इसे बढ़ा हुआ माना जाता है. वहीं, 80 mg/dL या इससे कम लो ग्लूकोज का संकेत होता है. इससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं.
शुगर लेवल कम क्यों होता है
दिन में ब्लड शुगर लेवल बदलता रहता है. डायबिटिक पेशेंट में ब्लड शुगर लेवल कम होना रिस्की हो सकता है. दिनचर्या की कुछ गड़बड़ आदतें भी लो ब्लड शुगर की समस्या को पैदा कर सकता है. मौसम में बदलाव, शराब पीने, ज्यादा इंसुलिन लेने, इंसुलिन के हिसाब से सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट न लेने से भी शुगर का लेवल सामान्य से कम हो सकता है. इसलिए ऐसे लोगों को सावधान रहना चाहिए, जिनका शुगर लेवल अक्सर ही लो रहता है.
ब्ल़ड शुगर लेवल कम होने से क्या खतरा
दिल तेजी से धड़कना
कंपन होना
पसीना आना
घबराहट या बेचैनी
चिड़चिड़ापन
चक्कर आने की समस्या
ब्लड शुगर का ज्यादा कम होना यानी 54 मिलीग्राम/डीएल से नीचे आने पर बेहोशी
जबड़ों के बैठने
कोमा में जाने का खतरा
ब्लड शुगर लो होने पर क्या करें
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर किसी को अक्सर ही लो ब्लड शुगर की शिकायत बनी है तो उन्हें अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में सुधार कर लेना चाहिए. आहार में हेल्दी कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें शामिल करना चाहिए. शुगर कम होने पर तुरंत थोड़ी सी चीनी, बिस्कुट या शहद खाना चाहिए. नियमित अंतराल पर शुगर लेवल की जांच करवाते रहना चाहिए. इंसुलिन का इंजेक्शन लेने वालों को बिना डॉक्टर की सलाह के शुगर कम वाले उपायों से बचना चाहिए.