जिस की सभी जगह चुनाव को लेकर जोश दिखाई दे रहा है उसी बीच अब लोगों को इंतजार है 19 अप्रैल से शुरू हुए लोकसभा चुनाव 2024 के मतदानो के परिणाम का, ये चुनाव की प्रक्रिया 1 जून को खत्म हो जाएंगे. ये खतम होते ही शुरू होगा वोट काउंटिंग का प्रोसेस जिसपर हम सभी वोटर्स की नजर है. वोट काउंटिंग करते समय यह ध्यान रक्षा जाता है की यह निष्पक्ष तरीके से हो। जो लोग इस बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे EVM से वोट काउंटिंग का प्रोसेस किया जाता है,
EVM मशीन का इस्तेमाल लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शुरू हुआ.आपको बता दें की EVM ने भारत में बैलेट पेपर के इस्तेमाल को रिप्लेस कर दिया है. जैसे की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर हमेशा विवाद बना रहता है। इस पर कई बार आरोप भी लगाए गए हैं, लेकिन आज तक इसे सिद्ध नहीं किया जा सका है।
EVM
- EVM में दो यूनिट्स होती है जोकि कंट्रोल और बैलेट होती है. एक यूनिट को होती है जिस पर बटन दबा कर आप अपना वोट देते हैं और उसके साथ ही दूसरी यूनिट जुड़ी होती है जिसमें आपके वोट को स्टोर कर लिया जाता है. कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट दोनो अलग अलग राखी जाती है मतदान अधिकारी के पास कंट्रोल यूनिट होती है, जबकि बैलेट यूनिट दूसरी तरफ रखा जाता है, इससे लोग वोट डालते हैं.
- मतदान जैसे ही समाप्त हो जाते है उसके बाद, EVM को सील कर दिया जाता है और इनको मतदान केंद्र से हटाकर किसी सुरक्षित स्थान पर भेजा जाता है.सभी EVM को एक मतगणना केंद्र पर इकट्ठा किया जाता है।
- मतगणना केंद्र, चुनाव अधिकारी द्वारा EVM को सील खोल जाती हैं और उन्हें ‘कंट्रोल यूनिट’ और ‘बैलट यूनिट’ में अलग किया जाता हैं.
- अब इस ‘कंट्रोल यूनिट’ को एक ‘रीडिंग मशीन’ से साथ जोड़ दिया जाता है.
- ‘रीडिंग मशीन’ की मदद से EVM में डाले गए वोटों की संख्या को पढ़ने में मदद मिलती ही है फिर मतगणना शीट की मदद से रिकॉर्ड कर लिया जाता है.
- ‘मतगणना शीट’ पर रिकॉर्ड किए गए वोटों की संख्या और विभिन्न उम्मीदवारों को मिले वोटों की संख्या के साथ मिलान किया जाता है.
- यह मिलान दो लोगो की उपस्थिति में किया जाता है जिसमें ‘वोटिंग ऑफिसर’ और ‘पार्टी एजेंट’ की मौजूदगी जरूरी होती है।
- वोटों की गिनती के बाद, ‘मतगणना अधिकारी’ परिणामों की घोषणा कर देते हैं.
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