टाइप-2 डायबिटीज और नींद के बीच एक गहरा संबंध है। डायबिटीज न केवल आपके ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित करता है, बल्कि यह आपकी नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं कैसे:
- उच्च ब्लड शुगर का स्तर: उच्च ब्लड शुगर के स्तर से नींद में खलल पड़ सकता है। यह बार-बार पेशाब आने, पसीना आने और प्यास लगने जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे नींद पूरी नहीं होती।
- नर्व डैमेज: डायबिटीज के कारण नर्व्स को नुकसान हो सकता है, जिससे नींद में समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि नींद न आना या नींद में बार-बार जागना।
- रेस्टलेस लेग सिंड्रोम: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम होने का खतरा अधिक होता है, जिससे पैरों में असहनीय खुजली होती है और नींद में बाधा पड़ती है।
अच्छी नींद के लिए 5 टिप्स
एक अच्छी नींद न केवल आपकी समग्र सेहत के लिए बल्कि डायबिटीज को मैनेज करने के लिए भी बेहद जरूरी है। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको अच्छी नींद लेने में मदद कर सकते हैं:
- नियमित सोने का समय: रोजाना एक ही समय पर सोने और उठने की कोशिश करें। इससे आपकी बॉडी की आंतरिक घड़ी सेट हो जाएगी और आपको अच्छी नींद आने में मदद मिलेगी।
- सोने से पहले हल्का भोजन करें: सोने से कुछ घंटे पहले हल्का भोजन करें। भारी भोजन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो नींद में बाधा डाल सकती हैं।
- शारीरिक गतिविधि: नियमित रूप से व्यायाम करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, लेकिन सोने से ठीक पहले व्यायाम करने से बचें।
- सोने का माहौल: सोने के कमरे को अंधेरा, शांत और ठंडा रखें। एक आरामदायक बिस्तर और तकिया का उपयोग करें।
- तनाव कम करें: तनाव नींद को बाधित कर सकता है। योग, ध्यान या गहरी सांस लेने जैसी तकनीकों से तनाव कम करने की कोशिश करें।
डॉक्टर से संपर्क करें:
यदि आपको नींद की समस्याएं हैं और आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपको नींद की समस्याओं के कारणों का पता लगाने और उपचार करने में मदद कर सकते हैं।
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