हार्ट फेल और हार्ट अटैक, ये दोनों ही शब्द अक्सर एक-दूसरे के साथ भ्रमित हो जाते हैं। हालांकि, ये दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं।
हार्ट फेल क्या है?
हार्ट फेल का मतलब यह नहीं है कि दिल काम करना बंद कर देगा। इसका मतलब है कि दिल अपनी क्षमता के अनुसार शरीर की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहा है। दिल कमजोर हो जाता है और शरीर के बाकी हिस्सों में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता।
हार्ट फेल होने के कारण:
- हार्ट अटैक
- उच्च रक्तचाप
- हृदय रोग
- दिल की वाल्व की समस्याएं
- दिल की मांसपेशियों की बीमारियां
हार्ट अटैक क्या है?
हार्ट अटैक तब होता है जब दिल को रक्त की आपूर्ति अचानक बंद हो जाती है। यह आमतौर पर तब होता है जब दिल की धमनी में खून का थक्का जम जाता है।
हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर में अंतर
विशेषता | हार्ट अटैक | हार्ट फेलियर |
---|---|---|
कारण | दिल की धमनी में खून का थक्का | दिल कमजोर होना |
लक्षण | छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना | थकान, पैरों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ |
उपचार | तत्काल चिकित्सा, दवाएं, सर्जरी | दवाएं, जीवनशैली में बदलाव, सर्जरी |
अवस्था | अचानक | धीरे-धीरे |
हार्ट फेल के लक्षण
- थकान
- सांस लेने में तकलीफ
- पैरों में सूजन
- खांसी
- दिल की धड़कन का तेज होना या अनियमित होना
- भूख न लगना
- वजन बढ़ना
हार्ट फेल का इलाज
हार्ट फेल का इलाज रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
- दवाएं: रक्तचाप कम करने वाली दवाएं, पानी को शरीर से बाहर निकालने वाली दवाएं, आदि।
- जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान छोड़ना, आदि।
- सर्जरी: कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
ध्यान दें: हार्ट फेल एक गंभीर बीमारी है। अगर आपको हार्ट फेल के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष:
हार्ट अटैक और हार्ट फेल दोनों ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं। हालांकि, दोनों में काफी अंतर है। हार्ट अटैक एक अचानक घटना है, जबकि हार्ट फेल धीरे-धीरे विकसित होता है।
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