केंद्र सरकार गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश कर रही है। अखिल भारतीय संत समिति ने केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने वक्फ बोर्ड पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, “अखिल भारतीय संत समिति शुरू से ही इसके खिलाफ था की लंबे समय से वक्फ बोर्ड के कानून में संशोधन की मांग रही है।
इसके पहले 1995 और 2013 में दो बार संशोधन हो चुका है। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने वक्फ एक्ट पर सवाल उठाते हुए कहा, “वक्फ के नाम पर पूरी तरह गुंडागर्दी चल रही थी। इस्लाम को आए 1400 साल हुए हैं, लेकिन वक्फ एक्ट के नाम पर डेढ़ हजार साल पुराना गांव कर दिया जाता है। ऐसा देश में कैसे चलेगा? देश में रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है। 2013-14 में वक्फ के पास साढ़े चार लाख एकड़ जमीन थी, जो इस समय साढ़े 9 लाख एकड़ कैसे हो गई?” उन्होंने कहा, “आधे पंजाब प्रांत की जमीनों पर वक्फ का कब्जा है। क्या किसी भी जमीन पर हाथ रखने से वो संपत्ति वक्फ की हो जाएगी? हम भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं।
हमारी मांग थी कि वक्फ बोर्ड खत्म किया जाए, लेकिन अगर संशोधन हो रहा है तो देश इस फैसले का दिल से स्वागत करता है।” केंद्र सरकार गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संपत्ति से जुड़ा विधेयक पेश करेगी, वहीं दूसरी ओर राज्यसभा से वक्फ संपत्ति से जुड़ा विधेयक वापस लिया जाएगा। सरकार द्वारा लाए जा रहे बिल में वक्फ बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों को कम कर इसकी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और इसमें मुस्लिम महिलाओं समेत मुस्लिम समाज के अन्य पिछड़े वर्ग, शिया, सुन्नी, बोहरा और आगाखानी जैसे वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के प्रावधान हो सकते हैं। ऐसे ही प्रावधानों को लेकर केंद्र सरकार आज दो महत्वपूर्ण विधेयक लोकसभा में पेश करने जा रही है।
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