बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत में आकर शरण ले ली। उनके सत्ता से हटने के बाद हिंदुओं के खिलाफ हमले देखे गए। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के आने के बाद भी हिंदुओं के खिलाफ हिंसा नहीं रुक रही है। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर आरोप लगाया है कि हिंदुओं के खिलाफ लगातार दुर्व्यवहार हो रहा है। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि बांग्लादेश में एक हिंदू शिक्षक को पूर्व छात्रों से दुर्व्यवहार का सामना करने के बाद इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए इस दावे को साझा किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘बांग्लादेश में एक और हिंदू शिक्षक को मुस्लिम छात्रों की ओर से अपमानित किया गयाहै, जिसे उन्होंने कभी पढ़ाया था और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।’ दास ने आगे दावा किया कि बांग्लादेश में हजारों हिंदुओं पर हर दिन अपनी नौकरी से इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने लिखा, ‘हर दिन बांग्लादेश में हजारों हिंदुओं पर त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उनका उद्देश्य बांग्लादेश में काम कर रहे सभी 25 लाख हिंदुओं को हटाना है।’
शिक्षक को किया गया अपमानित
दास ने जो वीडियो साझा किया उसमें कथित तौर पर एक शिक्षक का ऑफिस दिख रहा है। एक शिक्षक को लोगों ने चारो तरफ से घेर रखा है, जो उसे अपमानित करते दिख रहे हैं। दो लोग शिक्षक की शर्ट में सिगरेट के डिब्बे को जोड़ते हुए दिख रहे हैं। जबकि शिक्षक स्पष्ट रूप से डरा हुआ दिख रहा है। दास के जुड़े दावे या इस वीडियो की नवभारत टाइम्स स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सकता है। राधारमण दास की ओर से यह आरोप तब लगे हैं जब बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
हिंदुओं की सुरक्षा का दिया था आश्वासन
बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार 8 अगस्त को बनी है। 16 अगस्त को यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनने के बाद पीएम मोदी से बात की। बातचीत में यूनुस ने आश्वासन दिया कि ढाका हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा। यूनुस के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन की पुष्टटि की और प्रभावित देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।