इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने वाली हीरो इलेक्ट्रिक और बेनलिंग इंडिया को भविष्य में किसी भी सरकारी प्रोत्साहन योजना में शामिल होने से रोक दिया गया है। दोनों को भारी उद्योग मंत्रालय की सभी योजनाओं से दो साल के लिए बाहर कर दिया गया है। दोनों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में तेजी लाने की मंत्रालय की योजना के दूसरे चरण (फेम-2) में दी गई सब्सिडी नहीं लौटाई है।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, जांच में पता लगा है कि दोनों कंपनियों ने चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम का उल्लंघन किया है। सरकार सब्सिडी नहीं लौटाने वाली इन दोनों कंपनियों से 200 करोड़ रुपये वापस मांग रही है। मंत्रालय ने उल्लंघन करने वाली सभी कंपनियों- हीरो इलेक्ट्रिक, ओकीनावा, एम्पीयर व्हीकल्स (ग्रीव्स कॉटन), बेनलिंग इंडिया, रिवॉल्ट इंटेलिकॉर्प और एमो मोबिलिटी को पिछले साल मई में ही फेम योजना से बाहर कर दिया था।
छहों कंपनियों से कुल 469 करोड़ रुपये के करीब लौटाने को कहा गया था। इन छह कंपनियों में एमो मोबिलिटी, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक और रिवॉल्ट इंटेलिकॉर्प ने सब्सिडी की रकम ब्याज के साथ लौटा दी। मगर हीरो इलेक्ट्रिक, ओकीनावा और बेनलिंग ने सब्सिडी व प्रोत्साहन की रकम वापस नहीं की। इस कारण अक्तूबर व नवंबर में उनके नाम हटा दिए गए। फेम-2 में हीरो इलेक्ट्रिक ने 133 करोड़, ओकीनावा ने 116 करोड़ और बेनलिंग ने 48 करोड़ रुपये सब्सिडी का दावा किया था।
ओकीनावा ऑटोटेक डिफॉल्ट करने वाली इकलौती कंपनी है, जिसका नाम अभी तक नहीं काटा गया। वह दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच चुकी है। हीरो इलेक्ट्रिक ने भी सब्सिडी लौटाने से बचने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एक अधिकारी ने कहा, हम इन कंपनियों को सरकार की सभी योजनाओं से किनारे करने के लिए वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव सौंपेंगे।