प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने ‘विकसित भारत@2047’ के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने में गुजरात की संपूर्ण प्रतिबद्धता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि ‘विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात’ के ध्येय मंत्र के साथ राज्य सरकार ने ‘गुजरात@2047’ डायनेमिक डॉक्यूमेंट-रोडमैप तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘अर्निंग वेल’ और ‘लिविंग वेल’ के दो प्रमुख स्तंभों पर आधारित इस रोडमैप के जरिए राज्य के लोगों के जीवन स्तर को सर्वोत्तम बनाने और उनकी समृद्धि को अर्थव्यवस्था में सहभागी बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना चाहती है। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इन लक्ष्यों को सुनियोजित और सुव्यवस्थित तरीके से हासिल करने के लिए के लिए थिंक टैंक के रूप में गुजरात राज्य इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (जीआरआईटी-ग्रिट) की स्थापना करने की मंशा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने प्रधानमंत्री के विचार मंत्र ‘ग्यान’ यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति के विकास को आधार बनाकर ‘विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात’ का संकल्प किया है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी में लगभग पांच फीसदी हिस्सेदारी के साथ गुजरात ने वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.3 फीसदी का योगदान दिया है। इतना ही नहीं, देश की अर्थव्यवस्था में अपना अहम योगदान देने के लिए गुजरात 2047 तक 3.5 ट्रिलियन यूएस डॉलर की इकोनॉमी बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने पीएम गति शक्ति, स्वास्थ्य, नारी गौरव नीति, श्री अन्न (मिलेट), प्राकृतिक कृषि, डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और अमृत सरोवर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राज्य सरकार की मौजूदा उपलब्धियों और भविष्य के विजन के लिए किए जा रहे ठोस आयोजन-उपायों की विस्तृत भूमिका दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत से ही विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इसके लिए हमें सामूहिक प्रयासों से ऐसे निर्णय लेने होंगे और ऐसी नीतियां बनानी होंगी, ताकि हम दुनिया के सबसे बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे उत्पाद विश्व स्तरीय होने चाहिए, जो देश की सप्लाई चेन का हिस्सा बनने के साथ-साथ ग्लोबल सप्लाई चेन में भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी दर्ज करा सकें। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इस विजन और विकसित भारत के लिए हरित विकास (ग्रीन ग्रोथ) के विचार को गुजरात आगे बढ़ा रहा है।
इस संबंध में उन्होंने आगे कहा कि जनवरी-2024 में आयोजित वाइब्रेंट समिट में गुजरात ने सेमीकंडक्टर सेक्टर में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक लंबी छलांग लगाई है, जिसका लाभ न केवल पूरे देश को बल्कि दुनिया को भी मिलेगा। यही नहीं, देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप का भी उत्पादन भी गुजरात में होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत@2047’ के लिए आवश्यक स्किल इकोसिस्टम को गति देने के लिए राज्य सरकार ने सेमीकंडक्टर्स, ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे भविष्य के क्षेत्रों में आज की युवा पीढ़ी को ‘मुख्यमंत्री भविष्यलक्षी कौशल्य विकास योजना’ के माध्यम से अभी से ही प्रशिक्षित करने के प्रयासों पर फोकस किया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ग्रीन ग्रोथ के विचार को मूर्त रूप देने की दिशा में गुजरात सोलर रूफटॉप स्कीम के व्यापक कार्यान्वयन और कच्छ में निर्माणाधीन दुनिया के सबसे बड़े हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी पार्क के माध्यम से तेज गति से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने कृषि और गैर-कृषि, दोनों ही क्षेत्रों को समान रूप से महत्व दिया है। प्राकृतिक खेत उत्पादों को वैश्विक निर्यात की मांग के अनुरूप बनाया गया है। राज्य में 43 लाख से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से लगभग 9 लाख किसान 7 लाख एकड़ से अधिक भूमि में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और अब बतौर प्रधानमंत्री उनके तीसरे कार्यकाल में देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। इस लक्ष्य को हासिल करने में प्रधानमंत्री का ‘विकसित भारत’ का विजन प्रेरणादायी सिद्ध होगा। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया कि गुजरात ‘विकसित भारत’ के इस विजन को साकार करने के लिए संकल्पबद्ध प्रयासों के साथ सहभागी होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के साथ गुजरात के मुख्य सचिव श्री राज कुमार भी मौजूद रहे।