गुड़मार, जिसे जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे भी कहा जाता है, एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो सदियों से मधुमेह के इलाज में इस्तेमाल की जाती रही है। इसमें मौजूद गुण ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
गुड़मार खाने के फायदे
- ब्लड शुगर नियंत्रण: गुड़मार में ग्लाइकोसाइड्स होते हैं जो मीठे स्वाद को कम करते हैं और शरीर द्वारा शर्करा के अवशोषण को धीमा करते हैं।
- इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाता है: यह शरीर की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे कोशिकाएं ग्लूकोज को अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकती हैं।
- पाचन में सुधार: गुड़मार पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।
गुड़मार का सेवन कैसे करें?
गुड़मार को कई रूपों में लिया जा सकता है जैसे:
- गुड़मार की चाय: गुड़मार की पत्तियों को उबालकर चाय बनाई जा सकती है।
- गुड़मार पाउडर: गुड़मार के सूखे पत्तों को पीसकर पाउडर बनाया जा सकता है और इसे पानी के साथ या अन्य पेय में मिलाकर पिया जा सकता है।
- गुड़मार की गोलियां: बाजार में गुड़मार की गोलियां भी उपलब्ध हैं।
खाली पेट गुड़मार का सेवन
- सुबह खाली पेट: गुड़मार को सुबह खाली पेट लेने से सबसे अच्छा परिणाम मिलता है।
- मात्रा: आमतौर पर एक चम्मच गुड़मार पाउडर या एक कप गुड़मार की चाय दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती है।
- कब तक लें: गुड़मार को नियमित रूप से लेने से लंबे समय में ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
सावधानियां
- डॉक्टर की सलाह: गुड़मार का सेवन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, खासकर अगर आप पहले से ही कोई दवा ले रहे हैं।
- अन्य दवाओं के साथ इंटरेक्शन: गुड़मार कुछ दवाओं के साथ इंटरेक्शन कर सकता है।
- एलर्जी: अगर आपको गुड़मार से एलर्जी है तो इसका सेवन न करें।
- गर्भावस्था और स्तनपान: गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गुड़मार का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
गुड़मार डायबिटीज के मरीजों के लिए एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प हो सकता है। हालांकि, यह दवाओं का विकल्प नहीं है। ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और डॉक्टर की सलाह का पालन करना बहुत जरूरी है।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श करें।
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