इन लोगों के लिए ज़हर बन सकती है हरी मटर! जानें कब करना चाहिए परहेज

हरी मटर स्वाद में जितनी लाजवाब होती है, सेहत के लिए उतनी ही फायदेमंद मानी जाती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन C, विटामिन K और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर हड्डियों तक को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों के लिए हरी मटर नुकसानदायक भी साबित हो सकती है?

अगर आपको कुछ खास स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो हरी मटर का अधिक सेवन आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। आइए जानते हैं किन लोगों को हरी मटर खाने से बचना चाहिए और इसके संभावित नुकसान क्या हो सकते हैं।

किन लोगों को हरी मटर से परहेज करना चाहिए?

1. किडनी स्टोन (पथरी) के मरीजों को

हरी मटर में प्यूरिन (Purines) और ऑक्सालेट (Oxalates) की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में यूरिक एसिड बढ़ा सकते हैं। इससे किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) का खतरा बढ़ सकता है या पहले से मौजूद स्टोन की समस्या गंभीर हो सकती है।

क्या करें?
अगर आपको किडनी स्टोन की समस्या है, तो हरी मटर का सेवन कम मात्रा में करें और खूब पानी पिएं।

2. गठिया और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को

अगर आपको गठिया (Arthritis) या जोड़ों में दर्द रहता है, तो हरी मटर का अधिक सेवन आपके लिए सही नहीं है। इसमें मौजूद प्यूरिन्स यूरिक एसिड को बढ़ा सकते हैं, जिससे गठिया और जोड़ों में सूजन की समस्या बढ़ सकती है।

क्या करें?
गठिया के मरीजों को कम मात्रा में हरी मटर खानी चाहिए और इसके बजाय दूसरी सब्जियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

3. पेट की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को

हरी मटर में अधिक मात्रा में फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो कुछ लोगों के लिए पाचन से जुड़ी परेशानियां बढ़ा सकते हैं। अधिक मात्रा में हरी मटर खाने से गैस, ब्लोटिंग (पेट फूलना), डायरिया और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

क्या करें?
अगर आपको पेट की समस्या है, तो हरी मटर को अच्छी तरह पका कर खाएं और कच्ची मटर खाने से बचें।

4. डायबिटीज के मरीजों को

हरी मटर में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। हालांकि, इसमें फाइबर भी होता है, जो शुगर को धीमी गति से बढ़ने में मदद करता है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए।

क्या करें?
अगर आपको डायबिटीज है, तो हरी मटर को संतुलित मात्रा में खाएं और ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच करें।

5. पाचन कमजोर होने प

कुछ लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है और उन्हें भारी चीजें खाने से दिक्कत होती है। हरी मटर में मौजूद फाइबर और स्टार्च इसे पचाने में मुश्किल बना सकते हैं, जिससे भूख कम लगना, भारीपन, गैस और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

क्या करें?
अगर आपका पाचन कमजोर है, तो हरी मटर को छोटी मात्रा में खाएं और अच्छी तरह चबाकर खाएं।


हरी मटर खाने के नुकसान (Side Effects of Green Peas)

पेट फूलना और गैस बनना – अधिक फाइबर होने के कारण कुछ लोगों को गैस की समस्या हो सकती है।
यूरिक एसिड बढ़ सकता है – गठिया और किडनी स्टोन के मरीजों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।
ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव – डायबिटीज मरीजों के लिए ज्यादा मात्रा में खाना सही नहीं है।
पाचन दिक्कतें – हरी मटर को सही तरीके से न पकाने से पेट दर्द, कब्ज या एसिडिटी हो सकती है।


कैसे करें हरी मटर का सही तरीके से सेवन?

✔ हरी मटर को अच्छी तरह पका कर खाएं, ताकि यह पचने में आसान हो।
✔ इसे मॉडरेट मात्रा (100-150 ग्राम) में ही खाएं, ज्यादा खाने से बचें।
✔ अगर आपको पहले से कोई किडनी, गठिया, पेट या डायबिटीज की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही खाएं।
✔ हरी मटर को दूसरी सब्जियों या दालों में मिलाकर खाएं, ताकि इसके पोषक तत्वों का संतुलित लाभ मिले।

 

हरी मटर पोषण से भरपूर होती है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह हेल्दी से ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकती है। खासकर किडनी स्टोन, गठिया, पेट की समस्या और डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए।