बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि सरकार भारत में याट पर्यटन और व्यक्तिगत नौकायन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही है।
याट ऐसी बड़ी नौका को कहते हैं, जिसमें सभी सुख-सुविधाएं होती हैं। आमतौर पर इनका इस्तेमाल रेसिंग और पर्यटन के लिए किया जाता है।
भारत की तटरेखा 7,500 किलोमीटर लंबी है और यहां अंतरराष्ट्रीय मानक वाला एक भी मरीना नहीं है। मरीना एक डॉक होता है, जिसका इस्तेमाल ‘सेलबोट’ और याट को खड़ा करने के लिए किया जाता है।
सोनोवाल ने कहा, “क्रूज पर्यटन के साथ-साथ हम भारत में याट पर्यटन के लिए माहौल विकसित करके एक नया आयाम जोड़ने जा रहे हैं।”
मंत्री ने कहा कि भारत इतना बड़ा देश है लेकिन ‘हमारे पास कोई जगह (अंतरराष्ट्रीय स्तर की मरीना) नहीं है जहां याट पार्क किए जा सकें।’
सोनोवाल ने बताया कि क्रोएशिया जैसे छोटे देश में 15,000 याट को खड़ा करने की जगह है।
मंत्री ने कहा कि याट पर्यटन से भारत में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, क्योंकि प्रत्येक याट 20 लोगों को रोजगार देता है।
पश्चिमी देशों, विशेष रूप से क्रोएशिया और इटली ने मरीना परियोजनाओं का निर्माण करके अपने विशाल समुद्र तट का लाभ उठाया है।
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