जल्द ही आपको अपने एयर कंडीशनर (AC) का तापमान मनमर्जी से सेट करने की पूरी आज़ादी नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसके तहत AC का एक फिक्स ऑपरेटिंग टेम्परेचर निर्धारित किया जा सकता है। इसका उद्देश्य है बिजली की बचत और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना।
🌡️ सिर्फ 1°C से बड़ा असर!
आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ 1 डिग्री तापमान बदलने से बिजली की खपत में 3% से 6% तक का अंतर आ सकता है।
उदाहरण:
अगर आप AC को 24°C के बजाय 25°C पर चलाते हैं, तो हर घंटे में करीब 50 वॉट बिजली की बचत होती है।
💰 बिजली की बचत = पैसों की बचत
1.5 टन का 5-स्टार इन्वर्टर AC, 24°C पर लगभग 1 यूनिट/घंटा बिजली खर्च करता है।
अगर आप रोजाना 8 घंटे AC चलाते हैं और टेम्परेचर 25°C रखते हैं, तो हर महीने ₹100–150 तक की बचत हो सकती है।
सालभर में ये बचत ₹1200 से ₹2000 तक पहुंच सकती है!
⚙️ सिर्फ तापमान नहीं, सही मॉडल भी जरूरी
ऊर्जा की बचत सिर्फ तापमान से नहीं होती — ये आपके AC की क्वालिटी पर भी निर्भर करती है:
5-स्टार रेटिंग वाले ACs कम बिजली खाते हैं।
इनवर्टर टेक्नोलॉजी वाले ACs कमरे की ज़रूरत के अनुसार काम करते हैं।
साफ फिल्टर, अच्छी इंसुलेशन, और पंखे के साथ इस्तेमाल से भी बिजली की खपत कम होती है।
🏛️ सरकार की योजना – छोटे बदलाव, बड़ा असर
इस नीति का लक्ष्य है पावर ग्रिड पर लोड को कम करना, खासकर गर्मियों में, जब बड़े शहरों में बिजली की मांग सबसे ज्यादा होती है।
अगर पूरे देश में AC को 24°C या 25°C पर फिक्स किया जाए, तो ये बिजली बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
🔜 आगे क्या हो सकता है?
सरकार जल्द ही एक गाइडलाइन जारी कर सकती है, जिसमें AC का डिफॉल्ट टेम्परेचर 24°C या 25°C होगा।
मैन्युफैक्चरर्स से कहा जा सकता है कि वे अपने ACs को प्री-सेट टेम्परेचर के साथ बाजार में लाएं।
हालांकि, यूज़र्स को कुछ हद तक टेम्परेचर एडजस्ट करने की सीमित आज़ादी मिल सकती है।
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