सरकार बताए कि दक्षिण एशिया में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए गए: मनीष तिवारी

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश समेत पश्चिम एशिया के देशों में राजनीतिक अस्थिरता का असर भारत पर भी पड़ता है और सरकार बताए कि उसने इस क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए हैं।

तिवारी ने लोकसभा में शून्यकाल में बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पड़ोसी देश में आज स्थिति चिंताजनक और संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि भारत का बांग्लादेश से विशेष रिश्ता है और उसने बांग्लादेश के निर्माण में विशेष भूमिका निभाई थी।

तिवारी ने कहा कि इस साल जनवरी में शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग की सरकार बांग्लादेश में चौथी बार बनी थी, लेकिन छह महीने बाद ही देश में ऐसे हालात बने कि आंदोलन हुआ और सरकार को इस्तीफा देना पड़ा।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं, बल्कि पिछले तीन-चार साल में दक्षिण एशिया में म्यांमा, मालदीव और श्रीलंका आदि देशों में भी राजनीतिक अस्थिरता देखी गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सेना का वर्चस्व देखा गया है और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन हस्तक्षेप करता रहा है।

तिवारी ने कहा, ‘‘भारत दक्षिण एशिया का सबसे प्रमुख देश है और इस क्षेत्र में अस्थिरता का भारत पर सबसे ज्यादा असर होता है।’’ उन्होंने कहा कि आज जब सदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर बांग्लादेश के हालात पर बयान देंगे तो वह यह भी बताएं कि सरकार ने पिछले कुछ वर्ष में दक्षिण एशिया में राजनीतिक स्थिरता को बहाल रखने के लिए क्या कदम उठाए हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर लोकसभा में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक वक्तव्य देंगे।

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