पब्लिक सर्विस ऐप्स का हब बनेगा ‘GOV.in’ ऐप स्टोर, जानें इसके फायदे

भारत सरकार ‘GOV.in’ नामक एक नया ऐप स्टोर लॉन्च करने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य सरकारी ऐप्स और सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाना है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इस पहल के लिए गूगल, एप्पल, और स्मार्टफोन निर्माताओं सहित कई प्रमुख टेक कंपनियों से संपर्क किया है।

‘GOV.in’ ऐप स्टोर सरकारी योजनाओं, सार्वजनिक सेवाओं और कल्याणकारी प्रोग्राम्स तक आसान पहुंच प्रदान करेगा। यह पहल यूजर्स को सरकारी ऐप्स डाउनलोड करने और उनका इस्तेमाल सरल बनाने के लिए है।

यूजर्स के लिए आसान और सुलभ ऐप सूट
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, MeitY ने गूगल और एप्पल से अनुरोध किया है कि भारत में यूजर्स इन दोनों प्रमुख प्लेटफॉर्म्स से सीधे ‘GOV.in’ ऐप स्टोर को डाउनलोड कर सकें।

सरकार यह भी चाहती है कि नए स्मार्टफोन में यह ऐप स्टोर पहले से प्री-इंस्टॉल हो।
इस कदम का उद्देश्य सरकारी ऐप्स को अधिक सुलभ और यूजर-फ्रेंडली बनाना है।
यह ऐप्स का बंडलिंग सिस्टम यूजर्स की भागीदारी को बढ़ाने और सार्वजनिक सेवाओं को और प्रभावी बनाने का प्रयास करेगा।
रेवेन्यू और टेक कंपनियों पर असर
इस योजना ने टेक कंपनियों में हलचल मचा दी है।

गूगल और एप्पल जैसी कंपनियों ने इस पहल पर नाराजगी जताई है।
ये कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद ऐप्स और इन-ऐप खरीदारी से 30% कमीशन वसूलती हैं।
‘GOV.in’ ऐप स्टोर के आने से इनके रेवेन्यू मॉडल पर प्रभाव पड़ सकता है और बाजार पर इनका कंट्रोल भी कम हो सकता है।
टेक कंपनियों का विरोध क्यों?
गूगल और एप्पल भारत के स्मार्टफोन बाजार पर दबदबा रखते हैं।
‘GOV.in’ ऐप स्टोर से टेक कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद सरकारी ऐप्स के डाउनलोड और खरीदारी पर नियंत्रण खोने का डर है।
सरकार के इस कदम से इनका मार्केट शेयर और रेवेन्यू दोनों घट सकते हैं।
सरकार का उद्देश्य
सार्वजनिक सेवाओं और सरकारी ऐप्स तक सभी की पहुंच आसान बनाना।
एक सेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म तैयार करना जहां सभी सरकारी ऐप्स एक साथ उपलब्ध हों।
सरकारी ऐप्स की लोकप्रियता और उपयोगिता को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष:
‘GOV.in’ ऐप स्टोर भारत सरकार का एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है, जो पब्लिक सर्विसेज को डिजिटल रूप से और अधिक सुलभ बनाएगा। हालांकि, इस पहल को सफल बनाने के लिए सरकार और टेक कंपनियों के बीच सहमति बनाना एक बड़ी चुनौती है।

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