फिटनेस के चक्कर में अक्सर लोग सबसे पहले अपनी डाइट से तेल और घी को पूरी तरह हटा देते हैं। माना जाता है कि ज्यादा घी या तेल खाने से मोटापा बढ़ता है और हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है, लेकिन “न ज्यादा, न कम—हर चीज़ संतुलन में ही अच्छी लगती है।”
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हर पोषक तत्व की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह सीमित मात्रा में घी और तेल भी शरीर के लिए ज़रूरी हैं। आइए जानें, अगर आप इन्हें पूरी तरह डाइट से हटा देते हैं तो उसके क्या नुकसान हो सकते हैं और रोजाना कितनी मात्रा में इनका सेवन सही माना जाता है।
🥄 घी और तेल की ज़रूरत क्यों है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लंबे समय तक घी-तेल पूरी तरह बंद कर देना शरीर के लिए सही नहीं है। कुछ पोषक तत्व, जैसे विटामिन A, D, E और K, फैट में घुलनशील होते हैं। इन्हें अवशोषित करने के लिए शरीर को थोड़े फैट्स की ज़रूरत होती है।
🧈 रोजाना कितना घी खाना चाहिए?
आयुर्वेदिक सलाह के अनुसार, रोजाना कम से कम 1–2 चम्मच देसी घी का सेवन फायदेमंद होता है।
स्वामी रामदेव के मुताबिक, इससे:
हड्डियां मज़बूत होती हैं
घुटनों में चिकनाई बनी रहती है
जोड़ों का दर्द कम होता है
🫙 रोजाना कितना तेल खाना चाहिए?
तेल के बिना खाना अधूरा है, लेकिन इसकी मात्रा सीमित होनी चाहिए।
WHO के अनुसार, एक वयस्क को रोजाना अधिकतम 4 चम्मच तेल या घी (दोनों मिलाकर) का सेवन करना चाहिए।
इसमें सभी प्रकार के तेल जैसे सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी आदि शामिल हैं।
⚠️ घी-तेल पूरी तरह छोड़ने से क्या होते हैं नुकसान?
थकान और कमजोरी महसूस होना
स्किन ड्राय और बाल बेजान हो सकते हैं
हार्मोनल असंतुलन की आशंका
विटामिन की कमी
डाइजेशन कमजोर होना
फैट्स पूरी तरह बंद करने से वज़न तो घट सकता है, लेकिन शरीर तनाव और थकावट से जूझने लगता है। ये एक फैड डाइट ट्रेंड है जो लॉन्ग टर्म में नुकसान कर सकता है।
📌 हेल्दी टिप:
घी/तेल का स्मार्ट यूज़ करें, पूरी तरह अवॉयड नहीं।
कुकिंग ऑयल समय-समय पर बदलते रहें।
डीप फ्राई से बचें, लेकिन सीमित मात्रा में तड़का, भुना या हल्का तेल इस्तेमाल करें।
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