हम सभी पसीने की बदबू से निपटने के लिए परफ्यूम को सबसे अच्छा उपाय मानते हैं, जरा से स्प्रे में शरीर की सारी दुर्गंद निकल जाती है। लेकिन इसके जो फायदे तुरंत नजर आते हैं, उससे कहीं अधिक इस कृतिम खुशबू के नुकसान भी हैं। आइए जानते हैं, इसके नुकसान और सतर्क होते हैं अपने आगे के स्वास्थ्य को लेकर ।
दरअसल, देश-विदेश के कई शोधकर्ताओं ने यह माना है कि परफ्यूम में घातक और अनहेल्दी केमिकल होते हैं। पसीना कम करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले ख़ुशबूदार प्रोडक्ट पसीना आने की स्वाभाविक प्रक्रिया को रोकते हैं। इससे शरीर में आर्सेनिक, कैडमियम, लिड और मरकरी जैसे तत्व इकठ्ठा हो सकते हैं. जिससे शरीर को बहुत नुकसान होता है।
विशेषज्ञों ने दावा किया है कि रोजमर्रा के कामकाज में इस्तेमाल होने वाली चीजों में मौजूद रसायन या सुगंध से कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा हो सकता है। सफाई वाले स्प्रे का रसायन फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, तो इत्र समेत अन्य खुशबू वाले उत्पाद, पेंट और डिटरजेंट से माइग्रेन और कैंसर तक हो बढ़ता देते पाए गए हैं।
यहां तक कि एक अध्ययन के दौरान देखा गया कि खुशबू के प्रति संवेदनशील लोगों को आंखों में जलन, पानी आना, बंद नाक, सिरदर्द और अस्थमा की शिकायत देखी गई। कुछ अन्य गंभीर मामलों में मितली आने और त्वचा की समस्याएं देखने को मिली है ।
पिछले साल हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में हुए एक अन्य अध्ययन में विशेषज्ञों ने इत्र, खुशबू वाले उत्पाद या सफाई वाले रसायनों को माइग्रेन का कारक बताया था । विशेषज्ञों ने यह निष्कर्ष 500 लोगों के आंकड़ों के अध्ययन के बाद निकाला। इस अध्ययन में पाया गया कि लगभग 60 फीसदी मामलों में माइग्रेन का अटैक हुआ, जबकि 68 फीसदी मामलों में लोगों ने नाक और साइनस में परेशानी अनुभव की। यहां तक कि परफ्यूम शरीर की टॉक्सिफिकेशन की नेचुरल प्रोसेस को नुकसान पहुंचाते है। इससे आपको एलर्जी भी हो सकती है।
इसके साथ ही बाजार में खुशबू वाले परफ्यूम सेंसिटिव स्किन पर बुरा प्रभाव डालते हैं। अगर त्वचा में किसी तरह का रिएक्शन हो जाता है, तो आपको तुरंत डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलने की सलाह दी जाती है।