सहजन के पौधे से पाएं एनीमिया से राहत, जानिए इसके लाभ

भारत में एनीमिया और पोषण की कमी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, खासकर महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के बीच। ऐसे में सरकार के लिए इस समस्या से निपटना एक चुनौती बन गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर के बगीचे में उगने वाला एक पौधा, जिसे सहजन कहा जाता है, इस समस्या का समाधान हो सकता है?

सहजन: एक चमत्कारी आरोग्य वृक्ष
सहजन, जिसे मोरिंगा भी कहा जाता है, अपनी अत्यधिक पोषक तत्वों और औषधीय गुणों के कारण एनीमिया जैसी समस्याओं से निपटने के लिए रामबाण साबित हो सकता है। इसमें मौजूद आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को ऊर्जा देने के साथ रक्त निर्माण में भी मदद करते हैं।

हालिया अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि सहजन का नियमित सेवन एनीमिया के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

सहजन के पोषक तत्व
आपको जानकर हैरानी होगी कि सहजन के 100 ग्राम पत्तियों में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:

दही से 9 गुना ज्यादा प्रोटीन
संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी
गाजर से 4 गुना ज्यादा विटामिन ए
केले से 15 गुना ज्यादा पोटैशियम
पालक से 25 गुना ज्यादा आयरन
दूध से 17 गुना ज्यादा कैल्शियम
सहजन का उपयोग कैसे करें?
सहजन को सलाद, सूप या पत्तेदार सब्जियों के रूप में आहार में शामिल किया जा सकता है।
सहजन के पत्तों का पाउडर बनाकर इसे दूध या अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है।
एनीमिया से ग्रस्त लोगों को सहजन का नियमित सेवन करना चाहिए क्योंकि यह न केवल आयरन की कमी को पूरा करता है, बल्कि शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।

निष्कर्ष
अगर आप एनीमिया और पोषण की कमी जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो सहजन एक बेहतरीन और प्राकृतिक उपाय साबित हो सकता है। इसके नियमित सेवन से आप ना केवल आयरन की कमी को पूरा कर सकते हैं, बल्कि शरीर को स्वस्थ और मजबूत बना सकते हैं। सहजन को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।

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