भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच बनने के बाद गौतम गंभीर ने अपने पहले ही आईसीसी टूर्नामेंट में टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी जितवा दी। लेकिन अब उनकी असली परीक्षा शुरू होने वाली है। भारतीय टीम को आगे कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना है, और गंभीर को अपनी रणनीतिक सोच से उन्हें पार करना होगा।
जो लोग गौतम गंभीर को जानते हैं, वे उन्हें “बोरिंगली कंसिस्टेंट” कहते हैं। वे बीते 20 वर्षों से अपनी खाने की आदतें तक नहीं बदली हैं, और कैजुअल मीटिंग्स में डेनिम पहनना ही पसंद करते हैं। लेकिन जब क्रिकेट की बात आती है, तो उनका दिमाग हमेशा नई रणनीतियों और समस्याओं के हल पर केंद्रित रहता है।
गंभीर का कोचिंग सफर
राहुल द्रविड़ के बाद टीम इंडिया की कमान संभालने वाले गौतम गंभीर ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट की जिम्मेदारी ली। इस दौरान उन्होंने कुछ कठिन हार और चैंपियंस ट्रॉफी जैसी बड़ी जीत का अनुभव किया। लेकिन आने वाले दो साल भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद अहम होंगे, और गंभीर के सामने कुछ कठिन फैसले लेने होंगे।
गंभीर के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां
1️⃣ इंग्लैंड का टेस्ट दौरा
आईपीएल के तुरंत बाद भारतीय टीम को इंग्लैंड के कठिन टेस्ट दौरे पर जाना है, जहां बिना किसी लंबी तैयारी के उन्हें टीम को संभालना होगा।
2️⃣ 2026 टी20 वर्ल्ड कप
भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में होने वाले इस वर्ल्ड कप में सूर्यकुमार यादव की टीम को अपने खिताब की रक्षा करनी होगी।
3️⃣ 2027 वनडे वर्ल्ड कप
दक्षिण अफ्रीका में होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया को एक ठोस रणनीति बनानी होगी। क्या रोहित और कोहली तब भी टीम का हिस्सा होंगे? यह बड़ा सवाल है।
गंभीर की टी20 टीम: युवा सितारों का दम
गंभीर ने टी20 क्रिकेट में एक मजबूत कोर ग्रुप तैयार किया है। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत ने बिना रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविंद्र जडेजा के भी शानदार प्रदर्शन किया। अभिषेक शर्मा जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका देकर उन्होंने टीम में नई ऊर्जा भरी। वरुण चक्रवर्ती और जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी से विपक्षी बल्लेबाज परेशान रहे, जबकि संजू सैमसन और ऋषभ पंत भी टीम में अपनी जगह बना चुके हैं।
वनडे और टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियां
रोहित शर्मा और विराट कोहली ने साफ कर दिया है कि वे अभी वनडे क्रिकेट से संन्यास नहीं लेंगे, लेकिन 2027 वर्ल्ड कप तक उनकी भूमिका पर सवाल उठ सकते हैं। गंभीर को तय करना होगा कि क्या वे अगले वर्ल्ड कप तक टीम का हिस्सा बने रहेंगे या किसी नए कप्तान को तैयार किया जाएगा। शुभमन गिल और हार्दिक पांड्या इस रेस में सबसे आगे हैं।
टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी चुनौती
टेस्ट क्रिकेट में गंभीर को बड़े फैसले लेने होंगे। रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल टॉप-3 में खेलेंगे तो शुभमन गिल को कहां फिट किया जाएगा? क्या इंग्लैंड दौरे के लिए बुमराह, शमी और सिराज तीनों को रखा जाएगा? मिडिल ऑर्डर में करुण नायर को मौका मिलेगा या श्रेयस अय्यर को?
गौतम गंभीर के सामने कई अहम फैसले लेने की चुनौती है। क्या वे भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई पर ले जा पाएंगे? यह देखना दिलचस्प होगा!
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