‘गणेश चतुर्थी’ उन चंद त्योहारों में से एक है जिसे हिन्दी फिल्मों में बड़े धूमधाम से दर्शाया जाता रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों और खासकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी काफी उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान गणेश के आगमन से लेकर उनकी विदाई तक श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से उनकी पूजा अर्चना करते हैं। बॉलीवुड के फिल्मकार प्रथम पूज्य गणेशजी के आगमन और विदाई दोनों को बेहद ही खूबसूरत अंदाज में दिल को छू लेने वाले गीतों के साथ पेश करते रहे हैं।
निर्माता निर्देशक दादा साहब फाल्के की वर्ष 1925 में प्रदर्शित फिल्म “गणेशा उत्सव” संभवत पहली फिल्म थी जिसमें भगवान गणेश की महिमा को रुपहले पर्दे पर पेश किया गया था। वर्ष 1936 में प्रदर्शित फिल्म “पुजारिन” में भी भगवान गणेश पर आधारित गीत और दृश्य रखे गये थे। तिमिर वरन के संगीत निर्देशन में बनी फिल्म का यह गीत “हो गणपति बप्पा मोरया” आज भी श्रोताओं को भाव विभोर कर देता है और महाराष्ट्र में तो इन दिनों सभी जगह इसकी गूंज सुनाई दे रही है।सत्तर के दशक में भगवान गणेश की महिला का वर्णन करते हुये कई फिल्मों का निर्माण किया गया। इनमें वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म जय गणेश प्रमुख है। एस.एन. त्रिपाठी के संगीत निर्देशन में पार्श्वगायिका सुषमा श्रेष्ठ और पूर्णिमा की आवाज में रच बसे गीत “जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा’’ में गणेश भगवान की महिमा का गुनगान किया गया है।
अस्सी के दशक में भी गीतकारों ने कुछ फिल्मों में भगवान गणेश पर आधारित गीतों की रचना की। वर्ष 1981 में मिथुन चक्रवर्ती की मुख्य भूमिका वाली फिल्म “हम से बढकर कौन” उल्लेखनीय है। मोहम्मद रफी और किशोर कुमार की युगल आवाज में रचा बसा युगल गीत “देवा हो देवा गणपति देवा” गणपति गीतों में अपना विशिष्ट मुकाम रखता है। अब तो इस गीत के बिना गणपति गीतों की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। वर्ष 1990 में प्रदर्शित फिल्म “अग्निपथ” में भी गणेश चतुर्थी उत्सव को धूमधाम से मनाये जाते हुए दिखाया गया था। अमिताभ बच्चन अभिनीत इस फिल्म में सुदेश भोंसले और कविता कृष्णामूर्ति की आवाज में भगवान गणेश की विदाई को दर्शाता गीत “गणपति अपने गांव चले कैसे हमको चैन पड़े” श्रोताओं के दिल पर अपनी अमिट छाप गया है।
नब्बे के दशक में ही प्रदर्शित फिल्म “वास्तव” में भी भगवान गणेश के उत्सव को रूपहले पर्दे पर पेश किया गया। इस फिल्म में जतिन ललित के संगीत निर्देशन में रवीन्द्र साठे की आवाज में गीतकार समीर द्वारा रचित आरती “जय देव जय देव” में भगवान श्री गणेश की महिमा का वर्णन किया गया है। वर्ष 2006 में अरसे बाद शाहरुख खान अभिनीत फिल्म “डॉन” में भी गणेश जी पर आधारित गीत सुनने को मिले जो श्रोताओं ने काफी पसंद किये। डॉन के गाना ‘तुझको फिर से जलवा दिखाना ही होगा, अगले बरस आना है, आना ही होगा…’, इस गाने को बप्पा के विसर्जन के समय जरूर बजाया जाता है।
वर्ष 2007 में बच्चों पर आधारित फिल्म “माई फ्रेंड गणेशा” और “बाल गणेशा” का निर्माण किया गया जो बच्चों के साथ ही युवाओं में भी काफी लोकप्रिय हुआ। इस फिल्म की लोकप्रियता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि कई बच्चे अपने आप को ‘गणेश’ समझने लगे।अजय देवगन और परेश रावल की कॉमेडी फिल्म अतिथि तुम कब जाओगे में भी गणेशोत्सव को काफी प्यारे अंदाज में दिखाया गया था। दर्शकों ने फिल्म के इस सीन को पसंद किया था।
ऋतिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा और संजय दत्त की फिल्म अग्निपथ के गाने ‘देवा श्री गणेशा’ में ऋतिक बप्पा की पूजा करते नजर आए थे। इस गाने को पूजा के पंडालों में खूब बजाया जाता है।
बालीवुड के फिल्मकार अपनी फिल्मों में गणेश चतुर्थी के उत्सव को मनाते आये है। ऐसी फिल्मों में श्री गणेश जन्म, श्री गणेश महिमा, श्री गणेश विवाह, गणेश चतुर्थी, श्री गणेश, सागर संगम, गंगा सागर, जय द्वारकाधीश, घर में राम गली में श्याम, कालचक्र, साहस, श्री गणेश महिमा, जलजला, हम पांच, आज की आवाज, अंकुश, टक्कर, दर्द का रिश्ता, मरते दम तक, इलाका आदि फिल्में शामिल है।
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