आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर का अगला लक्ष्य 2026 में होने वाला टी20 वर्ल्ड कप है। गंभीर ने इस टूर्नामेंट के लिए खास रणनीति तैयार की है, जिसमें वनडे और टी20 टीमों के बीच ज्यादा ओवरलैप से बचने पर जोर दिया गया है। इसका मतलब है कि जो खिलाड़ी वनडे क्रिकेट में सक्रिय हैं, वे उसी फॉर्मेट पर ध्यान देंगे, जबकि टी20 के लिए पूरी तरह अलग टीम तैयार होगी।
टीम सेलेक्शन का नया फॉर्मूला
गंभीर का मानना है कि टी20 में सफलता का राज हालिया फॉर्म के आधार पर खिलाड़ियों का चयन करना है, न कि उनकी पुरानी प्रतिष्ठा पर। यही वजह है कि हाल के टी20 मैचों में टीम इंडिया का प्रदर्शन शानदार रहा है। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत ने अपने पिछले 20 टी20 इंटरनेशनल में से 17 मैच जीते हैं, जिनमें कई बार 200 से ज्यादा के स्कोर खड़े किए गए। 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने एक टी20 मैच में रिकॉर्ड 297 रन बनाए थे, जो टीम की आक्रामकता को दर्शाता है।
आईपीएल बनेगा सेलेक्शन का आधार
भारत और श्रीलंका 2026 के टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करेंगे, और गंभीर इसे ध्यान में रखते हुए आईपीएल को एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में देख रहे हैं। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टी20 वर्ल्ड कप टीम में जगह मिलने की संभावना ज्यादा होगी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गंभीर का मानना है कि टी20 टीम की सफलता इस वजह से है क्योंकि इसमें स्पष्टता बनी हुई है कि किस खिलाड़ी की क्या भूमिका है।
गंभीर की सोच से भारतीय क्रिकेट को नई दिशा
गंभीर की इस रणनीति से भारतीय क्रिकेट ज्यादा व्यवस्थित और प्रभावी बनेगा। इससे खिलाड़ियों को उनकी विशेषता के अनुसार खेलने का मौका मिलेगा, जिससे टीम संतुलित और मजबूत होगी। उनकी यह नई सोच भारत को वर्ल्ड क्रिकेट में और भी ज्यादा मजबूती दिलाने में मदद करेगी। अगर यह रणनीति सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट का वर्चस्व और भी बढ़ सकता है।
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